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पश्‍चिम चंपारण के बेत‍िया में नहीं हो रह ट्राफिक नियमों का पालन

ट्राफिक नियमों में गलतियां सरेआम दिखती है लेकिन इसे न कोई रोकने वाला और न ही टोकने वाला। सड़कों पर यातायात नियमों को सरेआम उल्लंघन हो रहा है। भले ही सभी लोग जानते है कि गाड़ियां बाई ओर से चलानी है लेकिन यहां दायां-बायां सबकुछ मान्य सा हो गया है।

By DharmendraEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 04:19 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 04:19 PM (IST)
पश्‍चिम चंपारण के बेत‍िया में नहीं हो रह ट्राफिक नियमों का पालन
बेत‍िया में सड़कों पर ट्राफिक नियमों में गलतियां व लापरवाही सरेआम दिखती है। जागरण

पश्‍चिम चंपारण, जेएनएन : जिले की सड़कों पर सब कुछ राइट है। मतलब जब जैसे आप जिधर चाहिए अपने वाहन दौड़ा लीजिए, कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। रोका टोका उसे जाता है जो कमजोर या नियम कायदों से डरनेवाले लोग होते हैं। सड़कों पर ट्राफिक नियमों में गलतियां व लापरवाही सरेआम दिखती है, लेकिन इसे न कोई रोकने वाला और न ही टोकने वाला। सड़कों पर यातायात नियमों को सरेआम उल्लंघन हो रहा है। भले ही सभी लोग जानते है कि गाड़ियां बाई ओर से चलानी है, लेकिन यहां दायां-बायां सबकुछ मान्य सा हो गया है। इस कारण सड़क हादसे तो होते ही सड़क जाम की भी स्थिति बन जाती है। आश्चर्य यह है कि इन सभी मुद्दों को लेकर प्रशासन व संबंधित विभाग पूरी तरह मौन धारण किए रहता है। अव्वल तो यह कि इनके पास जागरुकता व चेतना कार्यक्रम भी नजर नहीं आता। जो कुछ भी है वह सिर्फ कागज पर ही नजर आता है। सड़क पर ट्रैफिक नियमों का कोइ अनुपालन नहीं होता है। नाबालिग बच्चे सरपट सड़कों पर वाहन दौड़ाते नजर आते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस व सेफ्टी वेल्ट की बात तो दूर रही। 

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नाबालिग भी फर्राटे से दौड़ाते वाहन 

सड़क हादसों का एक बड़ा कारण नाबालिगों के हाथों में वाहनों का होना है। जो उम्र खेलने की है उस उम्र के बच्चे भी सड़कों पर सरपट वाहने दौड़ाते देखे जाते है। नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं होती। कभी-कभार पुलिस अभियान चलाती है, लेकिन यह वर्ष में एकाधबार ही देखने को मिलता है।हालांकि इस मामले में अधिकारियों की बयानबाजी अकसर सुनी जाती है। लेकिन कार्रवाई सिफर ही रहता है। 

शान के खिलाफ है हेल्मेट लगाना 

जिले में बाइक चालक हेल्मेट लगाना या कारों में सवार लोग बेल्ट लगाना अपनी शान के खिलाफ समझते है। कई चालक तो ताल ठोक कर कहते है कि जीवन में कभी भी हेलमेट नहीं लगाए। उनका कोई कुछ नहीं कर पाएगा। हालांकि पुलिस कभी कभार इसकी खोज खबर जरूर करती है। लेकिन इसमें भी कमजोर लोगों से ही दंड वसूला जाता है। आश्चर्य तो यह है कि इसका पालन कराने वाले ही इसका स्वयं उल्लंघन करते  है। 

सड़क पर ही खड़ा रहता है वाहन 

जिले के भीड़भाड़ वाले इलाकों व व्यस्तम बाजारों में सड़कों के किनारे पूरे दिन खड़े वाहनों का जमावड़ा आम बात है। वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा नहीं होने से ऐसी स्थिति रहती है। पुलिस पदाधिकारी भी चाह कर भी उनपर कार्रवाई नहीं कर पाते है। अगर कोई वाहन मालिक सवाल कर दे कि वाहन कहां लगाए। तो उन्हें क्या जवाब दिया जाएगा।


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