मुजफ्फरपुर में आइडी बनाकर सैकड़ों फर्जी लाभुकों का जोड़ दिया नाम
बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची से फर्जी नाम हटाने के लिए संपूर्ति पोर्टल पर इंट्री कराने का काम सरकार ने कराया था। जिले में एक लाख 86 हजार नाम हटा दिए गए। इस बीच फिर नई सूची में फर्जी नाम जुडऩे से सरकारी राशि गलत हाथों में जाता।
मुजफ्फरपुर, [ प्रेम शंकर मिश्रा]। जिले में बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची संपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने में फर्जीवाड़ा सामने आया है। मुशहरी अंचल में दो आइडी बनाकर सैकड़ों फर्जी लाभुकों के नाम जोड़ दिए। राहत की बात यह रही राशि भुगतान से पहले मुशहरी सीओ सुधांशु शेखर ने गड़बड़ी को पकड़ लिया। उन्होंने वरीय पदाधिकारियों से आइडी का पासवर्ड बदलने का अनुरोध किया है। जिले के अन्य कई अंचलों में भी इस तरह से फर्जी लाभुकों के नाम जोडऩे की आशंका है। मालूम हो कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची से फर्जी नाम हटाने के लिए संपूर्ति पोर्टल पर इंट्री कराने का काम सरकार ने कराया था। जिले में एक लाख 86 हजार नाम हटा दिए गए। इस बीच फिर नई सूची में फर्जी नाम जुडऩे से सरकारी राशि के गलत हाथों में वितरण की जमीन भी तैयार कर दी।
10 से 19 अगस्त के बीच बनी दो आइडी
मुशहरी सीओ ने अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी एवं एसडीओ पूर्वी को भेजे पत्र में कहा है कि संपूर्ति पोर्टल पर की गई इंट्री की जांच की गई। पाया कि 10 से 19 अगस्त के बीच दो नई आइडी बनाकर फर्जी लाभुकों की सूची इंट्री कर दी गई है। फर्जी लाभुकों की संख्या 1908 पाई गई। सीओ ने यह भी कहा कि उनका दो-तीन बार पासवर्ड बदल दिया गया है। वहीं जो नई आइडी बनाई गई उसमें पासवर्ड बदलने का विकल्प नहीं है। ऐसे में बड़ी संख्या में फर्जी लाभुकों को अनुदान राशि के भुगतान होने की आशंका है।
पूर्व की सूची में से जिले में एक लाख 86 हजार नाम हटे
आपदा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष बाढ़ पीडि़त परिवारों की संख्या पांच लाख 91 हजार 69 है। पूर्व के वर्षों में यह संख्या सात लाख 77 हजार 79 थी। इस तरह एक लाख 86 हजार 10 लोगों के नाम सूची से हटाए गए। मुशहरी में ही 8,825 नाम हटाए गए। यहां वर्तमान में पीडि़त परिवारों की संख्या 36,345 है। पूर्व में यह संख्या 55,170 थी। गलत तरीके से फर्जी लाभुकों के नाम की इंट्री कर दी थी। जिले से बाहर के लोगों को भी इसमें शामिल कर लिया गया था।