Move to Jagran APP

बिहार में नेपाल से घुसे जैश-ए-मोहम्मद के आधा दर्जन आतंकी, निशाने पर कइ बड़े नेता व स्‍थान

नेपाल सीमा से बिहार में आधा दर्जन आतंकी घुस आए हैं। उन्‍हें लेकर बिहार में स्पेशल ब्रांच के एसपी ने अलर्ट जारी किया है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें खबर।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 01:48 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 07:57 PM (IST)
बिहार में नेपाल से घुसे जैश-ए-मोहम्मद के आधा दर्जन आतंकी,  निशाने पर कइ बड़े नेता व स्‍थान
बिहार में नेपाल से घुसे जैश-ए-मोहम्मद के आधा दर्जन आतंकी, निशाने पर कइ बड़े नेता व स्‍थान

मुुजफ्फरपुर, जेएनएन। जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान सेना से प्रशिक्षित आधा दर्जन आंतकियों के राज्य में घुसने की सूचना मिली है। इसको लेकर जिले में अलर्ट जारी किया गया है। ये आतंकी भारत- नेपाल सीमा से राज्य में घुसे हैं। पुलिस की स्पेशल ब्रांच के एसपी ने मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के एसएसपी / एसपी को इस आशय का पत्र भेजकर अलर्ट किया है। उनके निशाने पर कई राजनेता व प्रमुख सार्वजनिक स्‍थान हो सकते हैं।

loksabha election banner

यह मिली गुप्त सूचना

स्पेशल ब्रांच के एसपी ने अपने पत्र में कहा है कि ऐसी गुप्त सूचना मिली है कि पाक समर्थित तकरीबन दो दर्जन आतंकी भारत की सीमा में घुसे हैं। इनमें 15 दिनों के अंदर नेपाल से राज्य की सीमा में तकरीबन आधा दर्जन आतंकियों ने प्रवेश किया है। उनके निशाने पर राज्य के बड़े राजनेता व अन्य प्रमुख स्थान हो सकते हैं।

कश्मीर में चरमपंथ को दे रहे बढ़ावा  

गौरतलब है कि पाक समर्थित यह आतंकवादी संगठन कश्मीर में अपनी गतिविधियों को संचालित करता है। वहां के चरमपंथ में इसका बहुत बड़ा हाथ है। हाल में इस संगठन की कमान पाकिस्तानी मूल के आतंकी अब्दुला रशीद गाजी ने संभाल रखी है। उसके अलावा दक्षिण कश्मीर में जैश के दो अन्य कमांडर वलीद और इस्माइल उर्फ लंबू भी सक्रिय हैं। घाटी में जैश के लगभग 55 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें 40 विदेशी हैं। दरअसल, पुलवामा हमला दोहराने की साजिश में जैश कमांडर अब्दुल रहमान उर्फ फौजी के साथ इस्माइल और गाजी रशीद शामिल थे।

कश्मीर में सक्रिय गाजी पर 10 लाख का इनाम

करीब तीन साल से कश्मीर में सक्रिय गाजी पर सुरक्षाबलों ने 10 लाख का इनाम घोषित कर रखा है। वह भी अफगानिस्तान में तालिबान और अलकायदा के आतंकियों के साथ मिलकर अमेरिकी फौजों के खिलाफ लड़ चुका है। वर्ष 2017 की गर्मी में पहली बार सुरक्षाबलों को कश्मीर में उसकी मौजूदगी का पता चला था। शुरू में वह बड़गाम और पुलवामा जिले के बीच के इलाकों में सक्रिय रहा। वर्ष 2019 में पुलवामा में जैश के आत्मघाती हमले के बाद सुरक्षाबलों से बचने के लिए वह कुछ समय तक उत्तरी कश्मीर में अपने किसी ठिकाने पर चला गया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.