मैथिली भाषा को ग्लोबल बनाने के लिए दरभंगा के अभिनव ने बनाया 'मैथिली ट्यूटर' एप
Maithili Tutor App लॉकाडउन अवधि में मैथिली ट्यूटर एप बना भाषा को ग्लोबल स्तर पर दिला रहे पहचान। भाषा विकास के काम में माता पिता और बहन ने किया सहयोग तो बनकर तैयार हुआ एप।
दरभंगा [प्रिंस कुमार]। कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच जारी लॉकडाउन में मैथिली भाषा को ग्लोबल बनाने के लिए अभिनव झा ने 'मैथिली ट्यूटर' नाम का एक एप बनाया है। इस एप के माध्यम से मैथिली भाषा आसानी से सीखी जा सकती है। मैथिली के अलावा अन्य भाषा के लोग भी एप डाउनलोड कर मैथिली सीख सकते हैं। भारत सहित नेपाल में कुल 7.50 करोड़ लोग मैथिली भाषी हैं। अब इस भाषा को ग्लोबल बनाने के लिए नेपाल के राजविराज सप्तरी निवासी अभिनव झा ने पहल की है।
वे आस्ट्रेलिया के लॉ ट्रोब विश्वविद्यालय से दूरसंचार और नेटवर्क इंजीनियरिंग में एमई और एनआइटी दुर्गापुर से इलेक्ट्रॉनिक और कॉमन्यूकेशन में बीटेक करने के बाद बेंगलुरू की एक कंपनी में एमएल डेवेलॉपर के रूप में काम कर रहे हैं। लॉकडाउन में कंपनी बंद होने के कारण घर आना पड़ा। इस दौरान मैथिली भाषा को ग्लोबल बनाने के लिए पिता डॉ. अखिलेश झा, मां आरती झा और बहन अनुपमा झा का सहयोग ले विगत 15 दिनों में मैथिली ट्यूटर एप बनाया।
मां ने कहा- बेटे के काम पर गर्व
आरती झा कहती हैं, मेरा मायका बिहार के दरभंगा स्थित लहेरियासराय में है। कहतीं हैं, मैथिली नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी भाषा है, भारत के मिथालांचल क्षेत्र के मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी सहित अन्य क्षेत्रों में मैथिली बोली जाती है। अन्य भाषा-भाषी लोग मैथिली को सबसे सरस भाषा मानते हैं। बेटे ने मैथिली भाषा को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए मैथिली ट््यूटर एप बनाकर भाषा के प्रति समर्पण व्यक्त किया है। इस एप के माध्यम से लोग आसानी से मैथिली बोलना सीख सकते हैं।
ऐसे बनाया एप
अभिनव झा कहते हैं- पढ़ाई भले ऑस्ट्रेलिया में हुई हो, लेकिन अपनी भाषा मैथिली के प्रति रूचि कभी कम नहीं हुई। परिवार के सदस्यों और समाज के लोगों के साथ मैथिली में ही संवाद करते हैं। मैथिली के प्रचार-प्रसार के लिए मैथिली ट््यूटर नाम से एक एप विकसित किया। इस एप को ऑडियो-वीडियो, ग्राफिक्स और एनीमेशन के मदद से काफी सरल बनाया गया है। एप में छह सेक्शन बनाए गए हैं। इसमें हिन्दी वर्णमाला, क्विज और एनीमेशन के आधार पर दो लोगों के बीच मैथिली में संवाद किया गया है। अभिनव कहते हैं, एप में जो ऑडियो का प्रयोग किया गया है, इसमें मां आरती झा, बहन अनुपमा झा और पिता अखिलेश झा ने आवाज दी है। महज 15 दिनों में एप को बनाया। इसे बनाने में एक भी रुपये नहीं लगे हैं। सभी तकनीक खुद विकसित किए गए हैं। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।