समस्तीपुर में बड़ी संख्या में बच्चे भी हो रहे संक्रमित, बीते 13 दिनों में कुल 1178 में 49 बच्चे संक्रमित मिले
जिले में बच्चों के बीच बढ़ता संक्रमण डरा है। बीते 13 दिनों में 49 बच्चे संक्रमित मिले हैं हालांकि अच्छी बात यह रही कि किसी की हालत गंभीर नहीं है। होम आइसोलेशन में ही इनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। 10 फीसद बच्चे तो ठीक भी हो चुके हैं।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। जिले में बच्चों के बीच बढ़ता संक्रमण डरा है। बीते 13 दिनों में 49 बच्चे संक्रमित मिले हैं, हालांकि अच्छी बात यह रही कि किसी की हालत गंभीर नहीं है। होम आइसोलेशन में ही इनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। 10 फीसद बच्चे तो ठीक भी हो चुके हैं।
समस्तीपुर में 21 मई से दो जून के बीच कोरोना संक्रमण के कुल 1178 मामले सामने आए। इनमें 49 बच्चे हैं। इन बच्चों की आयु दो से 15 वर्ष के बीच है। वहीं, एक से 20 मई के बीच कुल 7194 संक्रमितों में 256 बच्चे थे। जो बच्चे संक्रमित मिले हैं, वे बहुत गंभीर नहीं हैं। हल्का-फुल्का बुखार रहता है। बच्चों की स्थिति सामान्य रहने की वजह से होम आइसोलेशन में ही उनका इलाज चल रहा है। 20 मई तक मिले सभी 256 बच्चे ठीक हो चुके हैं।
बच्चों के इलाज के लिए वार्ड तैयार
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर असर की आशंका को देखते हुए बचाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट को तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है। पांच बेड का एक वार्ड तैयार कर लिया गया है। गांवों में संक्रमित हुए बच्चों के इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी व्यवस्था की जा रही है। ऑक्सीजन समेत अन्य संसाधनों को दुरुस्त किया जा रहा है। सदर अस्पताल का इंसेफेलाइटिस वार्ड पहले ही बच्चों के इलाज के लिए है। यहां पाइपलाइन से ऑक्सीजन के साथ वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी एक-एक बेड को सुरक्षित रखा गया है। इसके लिए आवश्यक उपकरण व दवा भी उपलब्ध करा दी गई हैं।
सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए वार्ड तैयार कर लिया गया है। सदर अस्पताल में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। जो बच्चे संक्रमित मिले हैं, उनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं। होम आइसोलेशन में ही इलाज चल रहा है। ठीक होने वालों में बच्चों की संख्या अधिक है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिसकी वजह से उन्हेंं वायरस ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाता है। बच्चों की इम्युनिटी बनी रहे, इस पर अभिभावक ध्यान दें।