मुजफ्फरपुर में चल रहा जमीन का रकबा घटाने-बढ़ाने का खेल, शून्य को बनाया एक एकड़
Muzaffarpur News मामला बंदरा अंचल का है। यहां जमीन का रकबा घटाने और बढ़ाने का खेल पकड़ा गया है। अंचल के वरीय प्रभारी पदाधिकारी व जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जांच में पाया कि जिस व्यक्ति के पास कुछ भी जमीन नहीं उसे एक एकड़ का मालिक बना दिया गया।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। पद संभालने के साथ ही राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने स्वीकार किया था कि विभाग में भ्रष्टाचार है। सुधार के लिए कई प्रयास भी हुए, मगर अंचलों में स्थिति नहीं सुधर रही। ताजा मामला बंदरा अंचल का है। यहां जमीन का रकबा घटाने और बढ़ाने का खेल पकड़ा गया है। अंचल के वरीय प्रभारी पदाधिकारी व जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जांच में पाया कि जिस व्यक्ति के पास कुछ भी जमीन नहीं बची थी उसे एक एकड़ का मालिक बना दिया गया। इसके लिए जमाबंदी से छेड़छाड़ की गई। शुरुआती जांच में तत्कालीन राजस्व कर्मचारी गंगा बैठा को दोषी पाया गया है। उसके खिलाफ डीएम से कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। माना जा रहा कि अंचल में इस तरह के दर्जनों मामले हैं। इसके अलावा दूसरे अंचलों में भी यह खेल चलने की आशंका है।
मालूम हो कि बंदरा अंचल में जमाबंदी नंबर 805 बैद्यनाथ त्रिवेदी, लूटन त्रिवेदी और वीर त्रिवेदी के नाम से कायम थी। इस जमाबंदी को घेरते हुए शंभू त्रिवेदी वो भुवनेश्वरी त्रिवेदी अंकित कर दिया गया। जमाबंदी से छेड़छाड़ करते हुए अवशेष रकबा शून्य एकड़ को एक एकड़ कर दिया गया। साथ ही 21 सितंबर 2019 को दो राजस्व रसीद भी जारी कर दी गई। जबकि इससे पूर्व करीब 60 वर्ष पूर्व ही रसीद कटाई गई थी। ऐसा तब किया गया जब सीओ की ओर से जमाबंदी को स्थगित करने का आदेश दिया गया था। पदाधिकारी ने जांच रिपोर्ट में कहा कि शून्य एकड़ को एक एकड़ जमीन कर तत्कालीन राजस्व कर्मचारी गंगा बैठा ने रसीद जारी कर दी। इसे देखते उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उक्त राजस्व कर्मचारी पंचायत सचिव के भी प्रभार में था।
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