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Lockdown के दौरान महामारी एक्ट के तहत दर्जनभर मामले हुए दर्ज, लगीं ये धाराएं Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर में लॉकडाउन के दौरान ढाई हजार वाहन मालिकों से वसूला गया लगभग 45 लाख का जुर्माना। क्वारंटाइन सेंटर पर फेसबुक लाइव करने के आरोप में हुई कार्रवाई।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:08 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 08:08 PM (IST)
Lockdown के दौरान महामारी एक्ट के तहत दर्जनभर मामले हुए दर्ज, लगीं ये धाराएं Muzaffarpur News
Lockdown के दौरान महामारी एक्ट के तहत दर्जनभर मामले हुए दर्ज, लगीं ये धाराएं Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान महामारी एक्ट के तहत जिले में दर्जनभर मामले दर्ज किए गए। इसमें सर्वाधिक मामले ब्रह्मपुरा थाने में दर्ज किए गए। लॉकडाउन व महामारी अधिनियम का उल्लंघन कर आधा दर्जन दुकानदारों ने दुकानों को खोल रखा था। पुलिस ने इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी को नजरअंदाज कर दो दुकानदारों ने अगले दिन फिर से दुकानें खोलीं। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों दुकानों को सील कर दिया। वहीं नगर थाना पुलिस ने नई बाजार सब्जी मंडी में दो दुकानदारों के विरुद्ध महामारी एक्ट व लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। मीनापुर में भी दो दुकानदारों के विरुद्ध सीओ ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। महामारी एक्ट में हुए संशोधन के तहत जिले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

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क्वारंटाइन सेंटर से फेसबुक लाइव करने के आरोप में कांटी थाना में प्राथमिकी

जिला प्रशासन से रोक के बाद भी एक क्वारंटाइन सेंटर के अंदर जाकर वहां से फेसबुक पर लाइव प्रसारण के आरोप में अनय राज के विरुद्ध कांटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिला प्रशासन के आदेश से दर्ज कराई गई प्राथमिकी को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी चला।

चर्चा में रहे ये कानून

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लॉकडाउन के दौरान महामारी एक्ट के अलावा आइपीसी की तीन धाराओं की खूब चर्चा रही। पुलिस ने इन्हीं तीन धाराओं में अधिकतर मामले दर्ज किए हैं। इसमें आइपीसी की धारा- 188, 269 व 270 शामिल हैं।

ये हैं धाराएं

आइपीसी की धारा-188 : सरकारी आदेश का उल्लंघन, अवमानना या बाधा डालना। इसमें दोषसिद्ध होने पर एक माह का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों की साथ-साथ सजा सुनाई जा सकती है।

आइपीसी की धारा- 269 : किसी बीमारी को फैलाने के लिए गैरजिम्मेदाराना कार्य करना। इससे किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को खतरा हो सकता है। दोषसिद्ध होने पर कोर्ट छह माह कारावास, जुर्माना या दोनों की सजा सुना सकता है।

आइपीसी की धारा- 270 : किसी जानलेवा बीमारी को फैलाने के लिए किया गया जानबूझकर परिद्वेषपूर्ण घातक या नुकसानदायक कार्य। इससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो। यह आइपीसी की धारा 269 से अधिक गंभीर है। इसमें दोषसिद्ध होने पर दो साल का सश्रम या सामान्य कारावास और जुर्माना की सजा कोर्ट सुना सकती है।

 साइबर फ्रॉड समेत अन्य मामलों में पांच सौ केस लॉकडाउन के दौरान जिले में लगभग पांच सौ मामले दर्ज किए गए। इसमें सर्वाधिक मामले चोरी व साइबर फ्रॉड के हैं। बैंक लूट, हत्या व मारपीट के मामले भी शामिल हैं। आपसी विवाद की घटनाएं भी हुईं।

पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर बाहर से आने वाले को लेकर आईं सर्वाधिक कॉल

पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर अधिकतर कॉल बाहर से आने वाले व्यक्तियों से संबंधित रहीं। कई कॉल तो सुनी-सुनाई बातों पर आधारित रहीं। अधिकतर कॉल करने वालों ने पुलिस को यही बताया कि उनके या पड़ोस के मोहल्ले में दिल्ली-मुंबई या अन्य स्थानों से प्रवासी आए हैं और वे यहीं घूम रहे हैं।

 नियमों के उल्लंघन को ले पुलिस के निशाने पर रहे वाहन चालक लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले वाहन चालक पुलिस के निशाने पर रहे। 68 दिनों के दौरान पुलिस ने करीब 2500 वाहनों को जब्त कर इनका चालान काटा। इन वाहनों में बाइक की संख्या अधिक रही। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों से लगभग 45 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया।


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