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पश्चिम चंपारण के एक चिकित्सक जो मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनके लिए दवा उपलब्धता की करते चिंता

जिले के बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डॉ. एसपी अग्रवाल इस पेशे में मिसाल हैं। ये जरूरतमंद मरीजों को जेब से दवा खरीदकर भी उपलब्ध करा देते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 09:29 AM (IST)
पश्चिम चंपारण के एक चिकित्सक जो मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनके लिए दवा उपलब्धता की करते चिंता
पश्चिम चंपारण के एक चिकित्सक जो मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनके लिए दवा उपलब्धता की करते चिंता

पश्चिम चंपारण, [अबु साबिर]। आमतौर पर चिकित्सक मरीजों का इलाज कर अपना कर्तव्य पूरा कर लेते हैं। लेकिन पश्चिम चंपारण जिले के बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डॉ. एसपी अग्रवाल मरीजों के इलाज की ही चिंता भर नहीं करते। ये उसके भी आगे जाकर उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए दवा की व्यवस्था की भी चिंता व यथासंभव मदद करते हैं।

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जरूरतमंदों को खरीदकर देते दवा

यदि मरीज के पास रुपये नहीं होते और अस्पताल में भी दवा उपलब्ध नहीं रहती, तो डॉ. अग्रवाल उन्हें खुद दवा खरीद कर दे देते हैं। डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि मरीजों की सेहत का पूरा ख्याल रखना डाक्टर का परम कर्तव्य है।

प्रतिदिन ओपीडी और आपातकक्ष में करते ड्यूटी

डॉ. अग्रवाल बीते कई वर्षो से बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत हैं। सहज, सरल और मृदुभाषी डॉ. अग्रवाल मरीजों की आधी तकलीफ अपने मृदु व्यवहार से ही दूर कर देते हैं। ये प्रतिदिन ओपीडी और आपातकक्ष में भी ड्यूटी करते हैं। आपातकक्ष में पहुंचे किसी मरीज के पास अगर दवा, इंजेक्शन के लिए पैसा नहीं रहता है तो डॉ. अग्रवाल का हाथ खुद अपनी जेब की ओर बढ़ जाता है। अधीनस्थ कर्मियो को पैसा दे कर खुद दवा खरीदने भेज देते हैं। ये सिलसिला वर्षो से अनवरत जारी है।

मरीजों की सेवा का शुरू से लक्ष्य

डॉ. अग्रवाल अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहते हैं कि छात्र जीवन में परिवार की आर्थिक स्थिति ठोस नहीं थी। निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता हूं। इसलिए आस पड़ोस में जब कोई बीमार पड़ता तो मन व्यथित हो जाता है। अपने क्षेत्र के कई लोगों को दवा और इलाज के अभाव में असमय काल के गाल में समाते देख मैं भीतर तक हिल गया। फिर तय किया कि डाक्टर ही बनना है। मरीजों की सेवा करनी है। पढ़ाई पूरी होने के बाद जब अस्पताल में ड्यूटी लगी तो ऐसा लगा कि जीवन सफल हो गया।

शहरवासी हैं कायल

अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक, कर्मियों के साथ स्थानीय लोग डॉ. अग्रवाल की सहृदयता के कायल हैं। स्थानीय सभापति जरीन खातून, उप सभापति जितेंद्र राव, राकेश सिंह, मनोज सिंह, सतीश वर्मा, दीपक राही, रविन्द्र श्रीवास्तव आदि दर्जनों लोग डॉ. एसपी अग्रवाल की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि अन्य चिकित्सकों के लिए ये प्रेरणापुंज हैं।

अपनी नहीं, ड्यूटी की करते चिंता

डॉ.अग्रवाल अस्पताल के उपाधीक्षक रहते कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। कुछ दिनों तक पटना में इलाज के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। हालांकि इनकी सेहत को देखते उपाधीक्षक का चार्ज डॉ.केबीएन सिंह को दे दिया गया है। फिर भी डॉ.अग्रवाल हर रोज अस्पताल आते हैं और इलाज करते हैं। 


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