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बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के 90 फीसद कर्मी उठा रहे मनमाना वेतन

कर्मियों को नवंबर 2016 से निर्धारित वेतनमान से प्रति माह 15 लाख रुपये अधिक वेतन भुगतान किया गया। सरकार से अब मिलेगा पुराना निर्धारित वेतनमान ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 05:29 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 05:29 PM (IST)
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के 90 फीसद कर्मी उठा रहे मनमाना वेतन
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के 90 फीसद कर्मी उठा रहे मनमाना वेतन

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में वेतन भुगतान में अभी और गड़बडिय़ां सामने आई हैं। सातवें वेतन आयोग के हिसाब से कर्मियों के वेतन निर्धारण के क्रम में यह मामला उजागर हुआ है। सरकार द्वारा निर्धारित वेतनमान की तुलना में विवि के स्थापना विभाग ने 90 फीसद कर्मियों के वेतन में औसतन 6000 रुपये के हिसाब से 250 कर्मियों का वेतन निर्धारित कराया है। प्रति माह 15 लाख रुपये वेतन उठा है, जो नवंबर 2016 से कर्मियों को मिल रहा है। इस बारे में वित्त विभाग द्वारा गठित वेतन सत्यापन कोषांग (एसवीपी ) के पास सारे रिकार्ड भी मौजूद हैं लेकिन, विवि ने उसकी आपत्तियों को भी दरकिनार किया। मजे की बात यह है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मी भी इसमें पीछे नहीं रहे हैं। रेवड़ी की तरह वे बढ़े हुए वेतन का लाभ उठा रहे थे।

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ये है चार्ट

पद स्वीकृत वेतन पाने वाला वेतन

चतुर्थ श्रेणी - 1800/1650- 1800

मैट्रिक पास के लिए 1800 ग्रेड पे व नन मैट्रिक के लिए 1650 रुपये था। लेकिन, सभी चतुर्थ वर्ग कर्मी 1800 रुपये ग्रेड पे पा रहे हैं।

इसी क्रम में पंचम वेतनमान 2550 रुपये का है लेकिन, उठाव 2610 रुपये का हो रहा।

एलडीसी - 20 दिसंबर 2000 के बाद स्वीकृत वेतनमान 1900 - 2400

सहायक - 4200 - 4600

पीटीआइ - 9300 - 15,600

कॉलेज कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार

यह भी दिलचस्प बात है कि विवि कर्मियों ने मनमाना वेतन उठा लिया। लेकिन, कॉलेज कर्मियों को अभी तक उनका हक नहीं मिला है। विवि प्रशासन भी इस मामले में करीब ढाई साल से चल रहे 'खेलÓ का मूकदर्शक बना हुआ है। वित्त पदाधिकारी की नाक के नीचे ऐसा होता रहा। सरकार की आपत्तियां भी आती रहीं। लेकिन, उसे नजरअंदाज किया गया।

अब नहीं मिलेगा मनमाना वेतन

विश्वविद्यालय के पास विकास के लिए पैसा नहीं है। लेकिन, सरकारी आदेश का उल्लंघन कर वेतन भुगतान होने पर स्थापना विभाग पर कोई कार्रवाई नहीं की। मार्च का वेतन जब कर्मियों को उनके बैंक खाते में जाएगा, तो उन्हें नहीं मिल पाएगा मनमाना वेतन। इसे लेकर खलबली मची है। उनकी हरसंभव कोशिश विवि प्रशासन पर दबाव बनाकर मनमाना वेतन हासिल करने की है।

रिटायरमेंट के बाद वसूली

लेखा विभाग का कहना है कि जो कर्मी रिटायर होते हैं, उनसे बढ़ी हुई राशि की कटौती हो जाती है।

 मुजफ्फरपुर वित्त पदाधिकारी बीआरए बिहार विवि आरडी सिंह ने बताया कि 'मनमाना वेतन पाने का मामला उनके कार्यकाल का नहीं है। वेतन सत्यापन कोषांग की रिपोर्ट देखकर पूरे प्रकरण की जांच होगी। Ó


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