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समस्‍तीपुर में डीएम आवास के समीप सड़क किनारे फेंकी मिली 82 पीस आयरन फोलिक एसिड सिरप

Bihar News बच्चों में खून की कमी को दूर करने के लिए घर-घर जाकर पिलानी थी दवा एक्सपायरी तिथि समाप्त होने से पहले ही फेंक दी गई सिरप की बोतलें अब इस पूरे मामले की होगी जांच।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 01:17 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 01:17 PM (IST)
समस्‍तीपुर में डीएम आवास के समीप सड़क किनारे फेंकी मिली 82 पीस आयरन फोलिक एसिड सिरप
जिलाधिकारी आवास के समीप सड़क किनारे फेंका पड़ा आयरन फॉलिक एसिड सिरप।जागरण

समस्तीपुर, जासं । बच्चों में खून की कमी को दूर करने के लिए दी जाने वाली आयरन फोलिक एसिड सिरप की बड़ी खेप शुक्रवार को सड़क किनारे फेंकी हुई मिली। इसकी जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी आवास के समीप ही नगर भवन के सामने सड़क किनारे लगी ट्रक के बगल में आयरन फोलिक एसिड सिरप मिली। सूचना मिलते ही प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. सतीश कुमार सिन्हा तत्काल मौके पर पहुंचे। साथ ही फेंकी गई दवा की जांच की। इसमें कुल 82 पीस सिरप मिला। इस पर उत्पादन की तिथि मार्च 2020 अंकित था। जबकि एक्सपायरी की तिथि अगस्त 2021 था। ऐसे में एक्सपायरी समाप्ति में पांच महीने बचने से पहले ही इसे फेंका जाने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। प्रभारी सीएस ने बताया कि दवा का उठाव कर लिया गया है। इसकी जांच की जा रही है।

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पीएचसी समस्तीपुर को सौंप दी गई दवा

सड़क किनारे फेंकी मिली दवा को प्रभारी सीएस के आदेश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समस्तीपुर को सौंप दिया गया। एक्सापायरी तिथि बचे रहने के कारण उसे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले बच्चों के बीच उपलब्ध कराई जाएगी।

आशा को घर-घर जाकर बच्चों को पिलाने के लिए दी गई थी दवा

बच्चों में खून की कमी दूर करने के लिए आयरन फोलिक एसिड सिरप बच्चों को दी जानी है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छह माह के पांच वर्ष के बच्चों को घर-घर जाकर दवा पिलाने के लिए आशा को दिया गया था। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि किन्हीं के द्वारा बच्चों को ना पिलाकर कागजी कार्रवाई करते हुए सड़क किनारे फेंक दिया गया है। विभागीय पर इसके बैच संख्या से जांच होगी कि किन्हें दवा आवंटित की गई थी।

दवा पर लिखा मिला नॉट फॉर सेल

एक तरफ जीवन रक्षक दवा के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दवा सड़क किनारे फेंकी जा रही है। बरामद की गई दवा बीएमएसआईसीएल द्वारा आपूर्ति की गई थी। दवा पर बिहार सरकार द्वारा वितरण, नॉट फॉर सेल लिखा हुआ है। ऐसे में बिना एक्सपायरी के फेंका जाना जांच का विषय है।

फर्जी रिपोर्ट देकर बच्चों को नहीं पिलाई दवा

एक तरफ सरकारी अस्पताल में मरीज दवा के लिए भटक रहे हैं तो दूसरी तरफ मरीजों को दवा न दे उनके प्रयोग की तिथि समाप्त होने से पहले ही फेंक दी जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि बच्चों की संख्या के आधार पर दवा दी गई होगी। लेकिन दवा पिलाने के बजाए फर्जी रिपोर्ट देकर इसे फेंक दिया गया है। जिससे वह फर्जी संख्या दर्शा दवा खारिज कर देते हैं लेकिन, दवा लेने वाला कोई नहीं होता इससे वह उसे इधर उधर फेंक देते हैं।


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