खुशियां बहा ले गई बाढ़, सीतामढ़ी के 59 परिवारों को दे गई गहरे जख्म Sitamarhi News
सीतामढ़ी में आई बाढ़ में किसी ने बेटा खोया तो किसी ने पति। कई मासूम हो गए अनाथ खत्म हो गईं कई परिवारों की खुशियां।
सीतामढ़ी,[नीरज]। जिले में बाढ़ का पानी भले ही उतर रहा है, लेकिन 59 परिवारों के लिए बाढ़ कभी नहीं भूलने वाला जख्म दे गई है। इन परिवारों में किसी के कुल का चिराग बह गया तो किसी के बुढ़ापे की लाठी। किसी की पत्नी तो किसी का पति। किसी के भाई की हुई मौत ने रक्षाबंधन के पर्व पर ग्रहण लगा दिया है।
मासूम की आंखें कर रहीं इंतजार
सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत के खुटहा गांव निवासी मनोज राय और सुदामा देवी के इकलौते पुत्र दिलखुश कुमार (नौ) की मौत 19 जुलाई को बाढ़ में डूबने से हो गई थी। सुदामा कहती हैं, अब किसके सहारे रहें। 29 जुलाई को सोनबरसा प्रखंड के बेला सरवरपुर गांव में बिट्टू गिरी और उनकी पत्नी रीमा की मौत डूबने से हो गई थी। उनकी तीन साल की बेटी वैष्णवी अनाथ हो गई है। अब वह नानी के पास है। मासूम वैष्णवी की आंखें आज भी माता-पिता का इंतजार कर रहीं। जब वह उनके लौटने के बारे में पूछती है तो परिजन की आंखों में आंसू भर जाते हैं।
बेटी-दामाद को जवाब देने के लिए शब्द नहीं
रीगा क्षेत्र के इमली बाजार के पास 14 जुलाई की शाम ट्रैक्टर समेत सवार चार लोग बह गए थे। अख्ता वार्ड 10 निवासी पवन कुमार, जय किशोर साह व मथुरापुर निवासी छह वर्षीय सुंदरम तथा ट्रैक्टर चालक पवन कुमार की मौत हो गई थी। कुछ साल पहले ही पवन की शादी हुई थी। उसकी पत्नी बदहवास है, जबकि सुंदरम के नाना का बुरा हाल है। बेटी-दामाद को जवाब देने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। यही हाल पुनौरा में डूबकर मरे गोलू के नाना का है। वह सुरसंड क्षेत्र के मरूकी निवासी कामोद राय का पुत्र था। नाना के घर रहता था। नदी की तेज धार में बह गया था। 14 जुलाई को ही श्रीखंडी भि_ा पश्चिमी पंचायत निवासी जीमदार मुखिया की पत्नी शांति देवी (60) पानी में बह गई थीं।
रक्षाबंधन से पहले चल बसा भाई
15 जुलाई को रुन्नीसैदपुर प्रखंड निवासी सिकंदर सहनी के छह वर्षीय पुत्र सूरज की डूबने से मौत हो गई थी। परिवार में मातमी सन्नाटा है। सबसे बुरा हाल बहन आरती का है। रक्षाबंधन का पर्व सामने है। वह भाई को याद कर फफक पड़ती है। बाढ़ ने डुमरा प्रखंड के हरि छपरा निवासी माजिद की ङ्क्षजदगी को भी बदरंग कर दिया है। 19 जुलाई उनकी दो बेटियों अजमती खातून (15) व शहजादी खातून (11) की डूबने से मौत हो गई थी। इसी गांव की अहमद की पुत्री गुलशन खातून भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई। गिद्धा गांव निवासी मंसूर खां के जवान बेटे साहेब खां को बाढ़ ने निगल लिया। फुलवरिया गांव निवासी जमरुद्दीन खां बेटी रौनक खातून के निकाह की तैयारी में थे। इससे पहले ही बाढ़ की भेंट चढ़ गई।
मरते दम तक नहीं भुला सकते
बाढ़ में पति को खोने वाली बथनाहा प्रखंड के चिरैया मटियार कला निवासी इंद्रासन देवी और बेटे को खोने वाली हरपुर गाजीपुर की हजराती बेगम कहती हैं कि सपने में भी नहीं सोचा था कि बाढ़ इस कदर खुशियां बहा ले जाएगी। जीवनभर के लिए जख्म दे जाएगी। रामनगर निवासी विनोद राय बेटा खो चुके हैं। कहते हैं, बाढ़ ने जो सदमा दिया है, वह मरते दम तक नहीं भुला सकते। इस तरह कई ऐसे परिवार हैं, जिनकी खुशियां बाढ़ में दफन हो गईं। जिंदगी भर का गम दे गई।
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