पूर्वी चंपारण के पताही में 53 आंगनबाड़ी सेविकाओं को 24 माह से नहीं मिला मानदेय
इन नवनियुक्त सेविकाओं का मानदेय प्रमाण पत्रों की जांच के नाम पर रोका गया हैं। जबकि जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर नवनियुक्त सेविकाओं का अंक प्रमाण पत्र व शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच कर मानदेय भुगतान करने का निर्देश दिया था।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। पताही बाल विकास परियोजना कार्यालय अंतर्गत संचालित 191 आंगनबाड़ी केंद्रों में नवनियुक्त 53 सेविकाओं का 24 माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इसको लेकर आक्रोशित आंगनबाड़ी सेविका संघ के अध्यक्ष बलवीर अनिल ने एक पत्र लिखकर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी की नवनियुक्त सेविकाओं के मानदेय भुगतान के लिए उन्हें एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर इन आंगनबाडी सेविकाओं के मानदेय का एक सप्ताह के अंदर भुगतान नहीं हुआ तो पताही बाल विकास परियोजना कार्यालय पर धरना प्रदर्शन और तालाबंदी अभियान चलाया जाएगा।
आश्चर्य यह कि इन नवनियुक्त सेविकाओं का मानदेय प्रमाण पत्रों की जांच के नाम पर रोका गया हैं। जबकि जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर नवनियुक्त सेविकाओं का अंक प्रमाण पत्र व शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच कर मानदेय भुगतान करने का निर्देश दिया था। फिर भी 24 माह से आंगनवाड़ी सेविका मानदेय भुगतान को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। सेविका का समय से मानदेय भुगतान नहीं होने पर कई तरह की संकटों का सामना कर रही है। इतना ही नहीं अब आंगनवाड़ी सेविका से मानदेय भुगतान के नाम पर पताही में महिला पर्यवेक्षिका एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के नाम पर कुछ दलाल 33 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। इसके लिए जिलाधिकारी से जांच कराकर इन लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग भी की गई है।
कई सेविकाओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि महिला पर्यवेक्षिका एवं उनके दलाल द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र पर जाकर मानदेय भुगतान एवं टीएचआर वितरण में गलत तरीके से वितरण कराकर पैसे की बंदरबांट करने का सलाह दे रहे हैं। ऐसे में सेविकाओं ने कहा है कि इस बार टीएचआर वितरण के लिए पैसा का उठाव जिले की अन्य परियोजनाओं से बहुत कम पताही को 13,500 दिए गए। जबकि इसी जिले की अन्य परियोजनाओं में 17-18 हजार रुपये तक दिए गए हैं।
टोकन प्रणाली में निदेशालय से ही वास्तविक लाभुकों की संख्या कम दर्शाई गई है। साथ ही जो चार अंको का ओटीपी आवेदन के समय लाभुकों को मिला था, वह ओटीपी नहीं मिल पाने से टोकन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसे में वितरण सुचारू नहीं हो पा रहा है। इधर, संघ की अध्यक्ष पल्लवी रानी ने कहा कि डीविटी के माध्यम से सभी लाभुकों का डाटा सरकार के पास उपलब्ध है। ऐसे में लाभुकों के खाता में सरकार सीधा पैसा भेज दें। जिससे आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लगने वाले भ्रष्टाचार का आरोप खत्म हो जाएगा।