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समस्तीपुर के 381 पंचायत में निजी जमीन पर लगेगा वर्षा मापक यंत्र

Samastipur News बारिश के समय आमतौर पर वर्षापात का सही रिकार्ड नहीं मिल पाता है। अब बारिश का सही हाल जानने के लिए जिले के 381 पंचायतों में वर्षा मापक यंत्र लगाया जाएगा। ताकि वर्षापात एवं उसकी तीव्रता का हो सके सही-सही आंकलन।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 04:35 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 04:35 PM (IST)
समस्तीपुर के 381 पंचायत में निजी जमीन पर लगेगा वर्षा मापक यंत्र
समस्तीपुर के 381 पंचायत में निजी जमीन पर लगेगा वर्षा मापक यंत्र।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। बारिश के समय आमतौर पर वर्षापात का सही रिकार्ड नहीं मिल पाता है। प्रखंड मुख्यालय में हुई बारिश से पूरे प्रखंड का आंकड़ा प्रस्तुत करना पड़ता है। जबकि हकीकत में उसी प्रखंड के कई पंचायतों में बारिश की एक बूंद भी नहीं पड़ती है। अब बारिश का सही हाल जानने के लिए जिले के 381 पंचायतों में वर्षा मापक यंत्र लगाया जाएगा। इसके लिए सरकारी भूमि उपलब्धता की राह नहीं देखनी होगी। क्योंकि निजी जमीन पर इसके लगाए जाने की स्वीकृति दी जा चुकी है। हालांकि निजी जमीन के भूस्वामी को इसके एवज में किसी तरह की राशि नहीं मिलेगी। साथ ही यंत्र की सुरक्षा के साथ-साथ इसके संचालन एवं रख-रखाव करने वाले कर्मियों को भी सहयोग करना पड़ेगा। बीएओ, बीडीओ, डीएओ और जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के द्वारा एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। 

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साढ़े पांच मीटर लंबी व चौड़ी होनी चाहिए जमीन 

स्वचालित वर्षामापी यंत्र लगाने के लिए 5.5 मीटर लंबी तथा 5.5 मीटर चौड़ी जमीन होनी चाहिए। जमीन के आगे व पीछे 17 से 20 मीटर खाली जगह हो। इसके इर्द-गिर्द यदि कोई मकान या पेड़ हो तो वैसी स्थिति में मकान या वृक्ष की ऊंचाई की दोगुनी दूरी पर यंत्र स्थापित करने के लिए स्थल चयनित होगा। चयनित स्थल के चारों ओर 17 से 20 मीटर के अंदर कोई पेड़ या घर तीन मीटर से अधिक ऊंचा नहीं होना चाहिए। साथ ही दो मोबाइल सेवा प्रदाता का नेटवर्क भी चाहिए। 

विसंगति हो सकेगी दूर

बारिश के समय आमतौर पर देखा जाता है कि उस गांव में बारिश नहीं हुई। गांवों में बारिश हुई तो प्रखंड मुख्यालय में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। ऐसी स्थिति में वर्षा पात का सही आंकलन नहीं हो पाता है। प्रखंड मुख्यालय में हुई बारिश से पूरे प्रखंड का आंकड़ा प्रस्तुत करना पड़ता है। पंचायतों में वर्षा मापी यंत्र लगाने के बाद वर्षा पात से संबंधित विसंगति काफी हद तक दूर होगी और सही जानकारी मिल सकेगी।

भूस्वामी के साथ होगा त्रिपक्षीय एकरारनामा 

किसानों  की निजी जमीन पर वर्षा मापक यंत्र लगाने से पहले विभाग लिखित सहमति पत्र प्राप्त करेगा। भू-स्वामी, जिला कृषि पदाधिकारी तथा जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के मध्य एक हजार रुपये के स्टाम्प पेपर पर त्रिपक्षीय एकरारनामा किया जाएगा। स्टाम्प पेपर पर होने वाले व्यय का वहन जिला सांख्यिकी पदाधिकारी करेंगे। 

 इस बारे में समस्‍तीपुर के जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा क‍ि जिले के 381 पंचायतों में एक-एक वर्षा मापक यंत्र लगाना जाना है। विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही एजेंसी द्वारा यंत्र लगाने का कार्य शुरू होगा।  


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