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मुजफ्फरपुर के पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले 281 जल क्षेत्रों का किया जाएगा जीर्णोद्धार

Muzaffarpur News इन जल क्षेत्रों की मापी कराने का लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने अपर समाहर्ता से किया आग्रह । जल जीवन हरियाली योजना से होगा कार्य कनीय अभियंताओं की प्रखंडवार की गई प्रतिनियुक्ति।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 08:21 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के पांच एकड़ से अधिक रकवा  वाले 281 जल क्षेत्रों का किया जाएगा जीर्णोद्धार
मुजफ्फरपुर में 281 जल क्षेत्रों का किया जाएगा जीर्णोद्धार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जिले में पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले जल क्षेत्रों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। जल जीवन हरियाली योजना से यह किया जाना है। इसकी सूची तैयार कर ली गई है। जिले में ऐसे 281 जल क्षेत्र हैं। मगर इनमें से 116 जल क्षेत्रों का सीमांकन नहीं हो पाया है। इस कारण यह कार्य शुरू नहीं हो सका है। इसे देखते हुए लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने 116 जल क्षेत्रों की सूची अपर समाहर्ता को भेजी है। उन्होंने इन जल क्षेत्रों की मापी कराने का आग्रह किया है। अपर समाहर्ता को भेजे पत्र में कार्यपालक अभियंता ने कहा कि सीमांकन के बाद इन जल क्षेत्रों का प्राक्कलन तैयार कर आगे की कार्रवाई की जानी है।

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 मालूम हो कि विभिन्न जल क्षेत्रों तालाब, पोखर, मन, आहर, पाइन को बचाने के लिए राज्य सरकार ने जल जीवन हरियाली योजना शुरू की है। जिले में कई मन क्षेत्र ऐसे हैं जिसका अतिक्रमण हो गया है। इसके जीर्णोद्धार से जल क्षेत्र से अतिक्रमण भी खत्म किया जा सकेगा। पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले 281 के अलावा 85 अन्य छोटे जल क्षेत्रों का भी जीर्णोद्धार किया जाना है। योजना को पूरा करने के लिए कनीय अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गई है।

कई तालाब का रकवा सौ एकड़ से भी अधिक, मगर जल क्षेत्र काफी कम

जिले के जिन जल क्षेत्रों का जीर्णोद्धार किया जाना है उनमें कई का रकवा सौ एकड़ से भी अधिक है। योजना के पूरा होने से इन जल क्षेत्रों को जीवन मिल जाएगा। कार्यपालक अभियंता की सूची के अनुसार मुशहरी अंचल के ब्रह्मपुरा मन पश्चिमी भाग का रकवा करीब 145 एकड़ है।मगर, अतिक्रमण के कारण यहां का जल क्षेत्र करीब 88 एकड़ ही है। वहीं कांटी अंचल का दामोदरपुर पूर्वी पोखर का रकवा 195 एकड़ है। मगर, इसमें जल क्षेत्र महज डेढ़ एकड़ ही है। इसके जीर्णोद्धार से बड़ा जल क्षेत्र विकसित होगा। इसी तरह मोतीपुर में भी मोरसंडी मन जलकर व कमलकहा का रकवा 128 एकड़ है। यहां भी जल क्षेत्र कम है। यह महज 30 एकड़ है। 

इन जलाशयों का जीर्णोद्धार के साथ होगा सुंदरीकरण

- मणिका मन, आरडीएस कॉलेज स्थित तालाब, महेश प्रसाद सिंह साइंस कॉलेज स्थित तालाब, बीआरए बिहार विवि तालाब, एमएसकेबी नर्सरी तालाब, भगवानपुर पंचायत का धोबिया पोखर, पताही पंचायत अंतर्गत पुरैना पोखर, पताही पंचायत का ही पताही रूप तालाब, पताही जगरनाथ तालाब, मधुबनी पंचायत अंतर्गत पकरी इस्माइल पोखर, इसी पंचायत का चौसीमा पोखर, मणिका विशुनपुर चांद मन व मणिका हरिकेश मन को तिरहुत नहर से जोड़कर पानी की आपूर्ति (सभी मुशहरी अंचल) व रामपुर भिखनपुर पोखर (साहेबगंज)।


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