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West Champaran: वीटीआर में एक साल में बढ़े 25 तेंदुए, वन विभाग उत्साहित

West Champaran 2020 में वीटीआर में थे 65 तेंदुए वर्तमान में संख्या 90 हो गई है। ट्रैप कैमरे से ली गई तस्वीरों में संख्या बढ़ने की मिली जानकारी वाल्मीकिनगर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह ने वन अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट ली थी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 03:20 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 03:20 PM (IST)
West Champaran: वीटीआर में एक साल में बढ़े 25 तेंदुए, वन विभाग उत्साहित
तेंदुओं की बढ़ती संख्‍या को लेकर व‍न व‍िभाग की उत्‍साह‍ित है।

पश्‍च‍िम चंपारण, [विवेक कुमार]। बाघों के लिए आरक्षित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में बाघों के साथ-साथ अन्य वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है। इससे महकमा उत्साहित है। अधिकारी वीटीआर में तेंदुओं के बढ़ते मूवमेंट को उनकी बढ़ती संख्या से जोड़ कर देख रहे हैं। वर्तमान में तेंदुओं की संख्या 90 हो गई है। पिछले दिनों वाल्मीकिनगर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह ने वन अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट ली थी। जिसमें अधिकारियों ने एक साल में 25 तेंदुओं के बढ़ने की जानकारी दी।

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वर्ष 2020 में तेंदुआ की संख्या 65 थी। लेकिन इस साल ट्रैप कैमरे से ली गई तस्वीरों में इनकी संख्या 90 हो गई है। आमतौर पर तेंदुआ इंसानों से दूरी बनाए रखता है। लेकिन भोजन की तलाश में वो रिहायशी इलाके में चला जाता है। कुछ सालों से शिकार पर सख्ती हुई तो इनकी संख्या में इजाफा होने लगा है। इस बाबत वाल्मीकि नगर रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वनवर्ती गांवों में तेंदुओं की पसंद वाले जानवर होने के चलते वो वहां पर आ रहे हैं। यह एक अच्छी खबर है। वीटीआर में लगे कैमरों में इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व एवं चितवन नेशनल पार्क आपस में जुड़ा हुआ है और दोनों जगह से जंगली जानवरों का आना जाना लगा रहता है।

तेंदुओं का पसंदीदा भोजन हैं बकरियां :-

बीते दो साल में तेंदुओं पर करीब पांच सौ बकरियों का शिकार गांवों में घुस कर किया है। यह संख्या पशुपालकों के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर निर्धारित है। इसके अलावा कई बार जंगल की ओर जाने वाले पालतु पशुओं का शिकार भी तेंदुए समेत अन्य वन्यजीव कर लेते हैं। प्रकृति प्रेमी मनोज कुमार ने बताया कि जब मादा तेंदुए के साथ उसके शावक हो तब वह खतरनाक हो जाती है। अपने बच्चों पर खतरा जान इंसानों पर हमला कर सकती है।

--वन महकमा बाघों के साथ तेंदुओं के संवर्धन को लेकर भी काम कर रहा है। इनकी संख्या गनौरी, हरनाटांड़ वाल्मीकिनगर, चिउंटाहां और गोबर्द्धना में ज्यादा दर्ज की गई है। उक्त इलाकों में ग्रासलैंड का विस्तार किया गया है। यह इलाका शाकाहारी जानवरों के शिकार के अलावा प्रजनन के लिए भी अनुकूल है। तेंदुओं की औपचारिक गिनती नहीं होती है। हालांकि ट्रैप कैमरों से ली गई तस्वीर के आधार पर इनकी संख्या 90 हो गई है। -हेमकांत राय, सीएफ, वीटीआर


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