20 वर्ष पूर्व समस्तीपुर के रोसड़ा जेल के अंदर भी पहुंचा था हथियार, बंदी मुख्य द्वार से हो गया था फरार
वर्ष 2000 में उपकारा रोसड़ा में बंद विचाराधीन बंदी हीरा ठाकुर एवं रामदेव मुखिया सुबह सवेरे मुख्य द्वार पर तैनात गेट बार्डर को देसी कट्टे के बल पर कब्जे में ले लिया था।
समस्तीपुर, जेएनएन। जेल के अंदर आर्म्स का पहुंचना कोई नई बात नहीं है। उपकारा रोसड़ा में भी दो दशक पूर्व मुख्य द्वार पर तैनात कक्षपाल को रिवाल्वर का भय दिखाकर दो बंदी फरार हो गए थे। हालांकि, एक को खदेड़ कर स्थानीय लोगों के सहयोग से जेल पुलिस ने कब्जे में कर लिया था। जबकि, दूसरा भागने में सफल रहा था। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2000 में उपकारा रोसड़ा में बंद विचाराधीन बंदी हीरा ठाकुर एवं रामदेव मुखिया सुबह सवेरे मुख्य द्वार पर तैनात गेट बार्डर को देसी कट्टे के बल पर कब्जे में ले लिया। आराम से मुख्य द्वार से बाहर निकल गया। हाथ में रिवाल्वर देख भयभीत कक्षपाल अपराधियों को पकडऩे का हिम्मत नहीं जुटा रहे थे। संयोगवश बारिश का मौसम होने के कारण एक बंदी फिसल कर जमीन पर गिरा और उसे जेल पुलिस ने धर दबोचा। जबकि, दूसरा हीरा ठाकुर फरार होने में सफल रहा था। दूसरी ओर जेल के अंदर गुटबाजी के कारण गैंगवार की भी स्थिति बन चुकी है। महज पांच वर्ष पूर्व उपकारा रोसड़ा में भी गैंगवार के बीच छुरेबाजी में कई बंदी जख्मी हो गया था।
हालांकि, हाजीपुर में हुई घटना के बाद पूछे जाने पर रोसड़ा उपकारा के सहायक अधीक्षक अरुण कुमार ने व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रहने का दावा किया। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर और बाहर की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है। बीएमपी एवं कारा कक्षपालों को नियमित विशेष चौकसी बरतने तथा सघन तलाशी जारी रखने का निर्देश दिया गया है।