बगहा में ईंट भट्ठे पर कथित रूप से बंधक 20 मजदूरों को कराया गया मुक्त
West Champaran बगहा एक प्रखंड के भैरोगंज गांव स्थिति निरंजन सिंह के ईंट भट्ठे पर काम कर रहे थे मजदूर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग से संपर्क कर मजदूरों ने सुनाई थी आपबीती आरोप है कि मजदूरों जबरन लिया जा रहा था काम।
बगहा, जासं। कई दिनों से ईंट भट्ठे पर कथित रूप से बंधक बनाए गए मजदूरों को आखिरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की पहले पर प्रशासनिक अधिकारियों ने छुड़वा कर उन्हें उनके घर भेज दिया। बताते हैं कि बगहा एक प्रखंड के भैरोगंज में संचालित मार्का आरजीएस के मालिक निरंजन सिंंह पर मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें बंधक बनाकर जबरदस्ती काम लिया जा रहा है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के ग्राम पंचौली थाना फरीदपुर तहसील फरीदपुर निवासी रियासत मियां के पुत्र साजिद ने अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को पत्र लिखकर आपबीती सुनाई।
आवेदन के आलोक में आयोग ने जिला पदाधिकारी बेतिया कुंदन कुमार को सभी मजदूरों को मुक्त कराने का निर्देश दिया था। आदेश के आलोक में डीएम ने बगहा एक सीओ अभिषेेक आनंद और भैरोगंज थानाध्यक्ष लालबाबू प्रसाद ने मंगलवार को ईंट भट्ठे पर छापेमारी की। इस दौरान नन्हें लाला, संगप्रिया, बब्लू, खुशहाली, पप्पू, महेश कुमार, लोकेेश, गुड्डू, फूल ङ्क्षसह, रेखा देवी, शारदा देवी, रजनी देवी, लक्ष्मी देवी, हर प्यारी देवी, मीना देवी, प्रियंका देवी, गायत्री देवी, शीला देवी, रीना देवी, चन्नो देवी आदि भट्ठे पर परिवार समेत मिले। सीओ और थानाध्यक्ष ने मजदूरों से बात की। पता चला कि आवेदक साजिद ही सभी को यहां लाया था और वह पैसा लेकर चला गया है। जिस कारण भट्ठा मालिक उनसे काम ले रहा है। दोनों अधिकारियों ने 27000 रुपये का भुगतान कराया और सभी मजदूरों को मुक्त कराकर उनके घर के लिए रवाना किया। सीओ ने बताया कि आवेदक ही सभी को लाया था। वह फरार है। सभी मजदूरों को मुक्त करा कर उनके घर भेज दिया गया है।
न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह की धमकी
पिपरासी। न्याय नहीं मिला तो पेट्रोल छिड़क कर पदाधिकारियों के समक्ष आत्मदाह की धमकी का मामला प्रकाश मेंं आया है। मधुबनी प्रखंड के बरवा पंचायत स्थित सहज टोला गांव निवासी शैलेश यादव ने चार जनवरी को आयोजित धनहा थाना परिसर में अधिकारियों के सामने कहा कि जमीन से संबंधित मामले में 19 अप्रैल को ही उसके पक्ष में फैसला हो गया है। उसके बाद भी उसके खेत में लगे गन्ने को विपक्षी काटने नहीं दे रहे हैं। शैलेश के आवेदन में लिखा है कि दो वर्ष पूर्व उसके नाना गनपत यादव के द्वारा 26 क_ा भूमि रजिस्ट्री की गई थी। लेकिन उसे न्याय नहीं मिल रहा है। न्याय मिला तो आत्मदाह के लिए विवश होगा।