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West Champaran : रामनगर भेज दिया गया नरकटियागंज का 1400 केसीसी खाता, गुस्से में किसान

West Champaran news किसानों ने कहा - यह एसबीआइ का तुगलकी फरमान खाता धारकों की नहीं ली गई सहमति या सुझाव किसान के शिकायत पर डीएम ने की पहल अग्रणी बैंक प्रबंधक को किया गया निर्देशित

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 03:25 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 03:25 PM (IST)
West Champaran : रामनगर भेज दिया गया नरकटियागंज का 1400 केसीसी खाता, गुस्से में किसान
पश्चिम चंपारण में किसानों की बढ़ी परेशानी ।

पश्चिम चंपारण (नरकटियागंज), जासं । पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत नरकटियागंज एसबीआइ  (मुख्य शाखा) के क्रेडिट कार्ड धारक 1400 किसानों में बैंंक के तुगलकी निर्णय के खिलाफ गुस्सा है। उनका केसीसी खाता एसबीआइ के रामनगर शाखा में भेज दिया गया है, जबकि इन किसानों से बैंक द्वारा कोई सहमति नहीं ली गई। ऐसे में पहले से हीं बड़े भूभाग वाले प्रखंड के किसानों को अब केसीसी खाता संचालन के लिए अतिरिक्त 17 किलोमीटर दूर रामनगर की दौड़ लगानी पड़ेगी।

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गुस्साए किसान इसे षड्यंत्र के साथ साथ निर्णय से बैंकिंग फ्रॉड होने की भी आशंका जता रहे हैं। उनका कहना है कि पहले से ही प्रखंड क्षेत्र के दूरदराज से पहुंचकर खाता का संचालन कर रहे थे। अब दूसरे प्रखंड मुख्यालय रामनगर अवस्थित शाखा में जाना पड़ेगा। जबकि नये खाता खोलने के लिए भी अंचल और अन्य विभागों से सत्यापन आदि कार्य नरकटियागंज में होंगे और खाता का संचालन रामनगर शाखा से होगा, जो किसानों के लिए काफी असुविधाजनक होगी। एक तरफ सरकार किसानों को केसीसी का लाभ देने और उनके विकास के लिए अभियान चला रही है। दूसरी तरफ मनमानी पूर्वक केसीसी खाता रामनगर में भेज दिया गया। जबकि अभी भी वैसे खाता के अभिलेख नरकटियागंज शाखा में ही है। जब किसान इस संबंध में बैंक जा रहे हैं तो यह समस्या सामने आ रही है। 

किसानों में पैदा हो रही अविश्वास की भावना

बैंक के इस निर्णय से किसानों में अविश्वास की भावना पैदा हो रही है। किसान रणविजय सिंह, परशुराम शर्मा का कहना है कि इस दिशा में बैंक द्वारा ना तो कोई शिविर आयोजित किया गया और ना ही किसी अन्य माध्यम से किसानों को जानकारी दी गई। किसानों की सहमति नहीं ली गई। वैसे किसानों के जानकारी के बिना केसीसी खाता रामनगर शाखा में भेज दिया गया, जबकि खाता खोलने, केसीसी का ऋण लेने के लिए उनसे कई जगह हस्ताक्षर कराए जाते हैं। किसानों की पहचान सुनिश्चित की जाती है। इसके बावजूद इतना बड़ा निर्णय किसानों के सहमति के बिना ही बैंक ने ले लिया।

 अतिरिक्त दूरी से खाता संचालन में आएगी समस्या

जानकार बताते हैं कि बैंकिंग व्यवस्था में एग्रीकल्चर को अलग करने और उससे संबंधित सुविधाओं के लिए बैंक प्रयासरत है। जबकि ऐसे निर्णय लेने के पहले भौगोलिक क्षेत्र के साथ साथ किसानों में समय और साधन की बचत की दृष्टि से नजदीकी शाखाओं का ख्याल होनी चाहिए। नरकटियागंज में वैसे भी बीस बाइस किलोमीटर दूर तक के किसान केसीसी खाता का संचालन करते रहे हैं। अब उनके लिए रामनगर आना जाना न केवल इस दूरी को दुगुना करेगा बल्कि वैसे खाताधारकों के लिए काफी कष्टदायक भी होगा। उनका बचत खाता नरकटियागंज में और केसीसी खाता रामनगर में होने से निसंदेह किसान काफी परेशान होंगे। इस वजह उनमें गुस्सा का होना भी स्वभाविक है। कई किसानों ने बताया कि बैंक अपने इस निर्णय को बदलते हुए केसीसी खाताधारकों के लिए पूर्व स्थिति बनाए अन्यथा बहुतेरे किसान अपने सभी तरह के खातों को बंद करने का मुहिम चलाएंगे और अन्य बैंकों से जुड़ने का प्रयास शुरू करेंगे।

 डीएम ने अग्रणी बैंक प्रबंधक को क्या निर्देशित

किसानों के इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर युवा किसान विवेक कुमार सिंह जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार से मिले। पूरी स्थिति से अवगत कराया। जिस पर जिला पदाधिकारी ने वैसे किसानों के लिए इसे गंभीर समस्या मानते हुए जल्द समाधान की दिशा अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देशित किया। इसके बाद किसान एलडीएम प्रमोद सिन्हा से भी मिले। एलडीएम ने बैंक अधिकारियों से यह जानकारी मांगी है कि किस अधिकारी के पत्र के आलोक में नरकटियागंज से रामनगर शाखा में केसीसी खाता भेजा गया गया है। किसान विवेक कुमार सिंह ने बताया जिला पदाधिकारी और एलडीएम ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। मामले में जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया है।


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