समस्तीपुर का 110 विद्यालय भवनहीन, यहां जमीन पर बैठकर आसमां छूने का ख्वाब देख रहे हैं बच्चे
Samastipur Education News समस्तीपुर जिले में जमीन रहने के बाद भी जिले का 110 विद्यालय भवनहीन है। ऐसे भी सरकारी विद्यालय हैं जिनको अपना भूमि और भवन नसीब नहीं है। उन विद्यालयों को शिक्षा विभाग भले ही दूसरे विद्यालय में शिफ्ट कर किसी तरह संचालित कर रही है।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। शिक्षा की ललक हर तबके के बच्चों में जगी है। यही कारण है कि बच्चे मां-बाप के कामों में हाथ बंटाना छोड़ शिक्षा के मंदिर में आने लगे हैं। स्कूलों में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन समस्तीपुर जिले में ऐसे भी सरकारी विद्यालय हैं जिनको अपना भूमि और भवन नसीब नहीं है। उन विद्यालयों को शिक्षा विभाग भले ही दूसरे विद्यालय में शिफ्ट कर किसी तरह संचालित कर रही है। लेकिन भूमिहीन विद्यालयों के शिक्षक व बच्चों में आज भी निराशा है। जानकारी के अनुसार जिले में 110 ऐसे प्रारंभिक विद्यालय हैं जिनके पास अपना जमीन रहने के बाद भी भवन बनने का सपना पूरा नहीं हुआ है। विभाग द्वारा दूसरे विद्यालय में टैग कर इन भूमिहीन विद्यालयों को चलाया जा रहा है।
शिक्षा के मंदिर में सक्रिय राजनीति करने वाले विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य से लेकर स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी भवन निर्माण को लेकर कभी पहल नहीं की है। हाल यह है कि भवनहीन विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक पढ़ रहे करीब दस हजार से अधिक बच्चे जमीन पर बैठकर आसमां छूने का ख्वाब देख रहे हैं।
शिक्षा अधिकार कानून की हो रही खानापूरी
राज्य सरकार ने छह से चौदह वर्ष के हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया है, साथ ही स्कूलों में गुणवत्ता के साथ नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए समझे-सीखें कार्यक्रम शुरू किया गया है। लेकिन जिले में अब भी प्राथमिक विद्यालयों में वर्ग एक से पांच तक के छात्र-छात्राएं जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। जिले के 110 भवनहीन विद्यालयों में पढ़ रहे करीब 10 हजार से अधिक बच्चे जमीन पर बस्ता रखकर पढ़ने को विवश हैं। इन भवनहीन विद्यालयों को लंबे समय से जमीन की तलाश है।
प्रखंडवार भवनहीन स्कूल की संख्या
विभूतिपुर प्रखंड में 12, खानपुर में 11, सिंघिया में 10, उजियारपुर में आठ, हसनपुर में सात, रोसड़ा में छह, समस्तीपुर, दलसिंहसराय, शिवाजीनगर, सिंघिया व मोहिद्दीनगर में पांच-पांच, ताजपुर, कल्याणपुर, मोरवा, पूसा व बिथान में चार-चार, कल्याणपुर व शिवाजीनगर में तीन-तीन, पटोरी व सरायरंजन में दो-दो, मोहनपुर में एक विद्यालय शामिल है।