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बिहार योग विद्यालय जन कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रहा है: स्वामी शिवध्यानम

मुंगेर । कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण दौरान बिहार योग विद्यालय जन कल्याण के लिए लगातार क

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 08:33 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 08:33 PM (IST)
बिहार योग विद्यालय जन कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रहा है: स्वामी शिवध्यानम

मुंगेर । कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण दौरान बिहार योग विद्यालय जन कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रहा है। इसके तहत कोरोना वारियर्स के लिए फॉर फ्रंटलाईन हीरोज नामक मोबाईल एप लॉच किया है। उक्त बातें स्वामी शिवध्यानम सरस्वती ने गंगा दर्शन में प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि एप में दिनचर्या में काम आने वाली समस्याओं से संघर्ष के लिए सरल योग विधियां बताई गई है। जिसे दुनियां के 100 से अधिक देशों में 30 हजार से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव सबसे अघिक लोगों के श्वसन तंत्र पर पड़ता है। ऐसे में आम लोगों को इस विषय में जागरुक करने के लिए तथा श्वसन तंत्र को मजबूत करने के लिए सरल प्राणायम की विधियों को सिखाने के लिए ब्रीद फॉर हेल्दी लंग्स एप विकसित किया गया है। जो अगले एक-दो दिनों में गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हो जाएगा। लॉकडाउन एवं अनिश्चितता के दौर में लोग तनाव, चिता एवं अवसाद का अनुभव कर रहे हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि लोग दिनभर क्या करें तथा समय का सदुपयोग कैसे करें। इसके लिए बिहार योग विद्यालय ने www.ह्यड्डह्ल4ड्डद्व4श्रद्दड्डश्चह्मड्डह्यड्डस्त्र.ठ्ठद्गह्ल पर यौगिक दिनचर्या बताया है। उन्होंने कहा कि इस विपदा के समय बिहार योग विद्यालय का सेवा एवं दान कार्य जारी रहा। इसके तहत पूरे नगर में लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने के लिए 25 स्थानों पर बैनर लगाए गए। वहीं जिला प्रसाशन, पुलिस विभाग, अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों को बड़ी मात्रा में पीपीई किट, मास्क, फेस कवर, दस्ताने, होइड्रोजन पेरोक्साइड आदि उपलब्ध कराए गए। ---------------------------

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अपने-अपने घरों में ही गुरु पूर्णिमा मनाएं शिष्य

स्वामी शिवध्यानम ने बताया कि आगामी 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है। लेकिन इस विपदा के कारण योगाश्रम में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। हालांकि प्रत्येक वर्ष इन दिन बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन होता था। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु के साथ अपने आंतरिक संबंध को गहरा बनाने की प्रेरणा देने के लिए आता है। शिष्य के जीवन में इस दिन का अत्यधिक महत्व है। ऐसे में भक्तों को शिष्यों को सलाह दिया गया है कि वे अपने-अपने घरों में ही सरल तरीके से परिवार के सभी सदस्यों को एकत्र कर सुबह के समय दीपक जलाकर उसके समक्ष भावपूर्वक पुष्प अर्पित कर यह पर्व मनाएं। उन्होंने बताया कि बिहार योग विद्यालय के परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद विगत जनवरी से फरवरी माह के बीच भी पंचाग्नि तपस्या में लीन थे। वहीं इस समय भी वे विश्व के कल्याण के लिए अनुष्ठान में तल्लीन हैं तथा साधनाओं में ही उनका अधिकांश समय बीत रहा है।


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