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विसर्जन के दौरान झांकियों ने श्रद्धालुओं को किया मंत्रमुग्ध

संवाद सूत्र जमालपुर (मुंगेर) सोमवार को देर रात जमालपुर में स्थापित काली प्रतिमा का विसर्जन ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 07:49 PM (IST)
विसर्जन के दौरान झांकियों ने श्रद्धालुओं को किया मंत्रमुग्ध

संवाद सूत्र, जमालपुर (मुंगेर) : सोमवार को देर रात जमालपुर में स्थापित काली प्रतिमा का विसर्जन किया गया। विसर्जन को लेकर शहर के हृदय स्थली जुबली वेल चौक पर देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। विसर्जन शोभायात्रा के दौरान प्रतिमा के साथ निकाली जाने वाली झांकी देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। समसामयिक विषयों पर आधारित झांकी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बिदु बनी रही। शोभा यात्रा की ट्रॉली पर झांकियां बनाई गई थी। वैसे शारदीय नवरात्रि में लगभग सभी दुर्गा प्रतिमाओं की ट्रॉली पर झांकियां बनाई जाने की परंपरा रही है, परंतु इस बार काली पूजा में भी पहली बार लोगों ने इन झांकियों को देखा और सराहा। छोटी केशवपुर की प्रतिमा की झांकी में महिला सशक्तिकरण का सजीव चित्रण किया गया था। झांकी के ऊपर लिखा हुआ था - घर घर में रहती देवियां फिर भी देवी की खोज क्यों, तो नीचे लिखा हुआ था अपने ही घर में देवियां होती अपमानित रोज क्यों। झांकी में एक संदेश था कि हम अपनी बेटियों को परिवार में मान सम्मान दें और अपनी बहुओं को बेटी का दर्जा दें। एक अन्य पूजा समिति की झांकी में केंद्र सरकार की वित्त नीति पर प्रहार किया गया था। शीर्षक था आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया भारतवर्ष का अन्य देशों से जहां तुलना की गई थी, वही पुलिस प्रशासन द्वारा वाहन चेकिग के नाम पर वसूली जा रही राशि पर भी प्रहार किया गया था शीर्षक था 15000 की गाड़ी तो 23000 का चालान। इतना ही नहीं इसी झांकी में देश की वर्तमान समस्या और बेरोजगारी पर भी व्यंग किया गया था। इस बीच जुबली भेल चौक पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। इस अध्यक्ष रंजन कुमार एवं ईस्ट कॉलोनी थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पुलिस अधिकारियों के साथ मोर्चा संभाले हुए थे।

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इस अवसर पर कार्यपालक पदाधिकारी सूर्यानंद सिंह, बीडीओ राजीव कुमार, सीओ शंभू मंडल, सहित अन्य उपस्थित थे।

विसर्जन शोभायात्रा की विशेषता यह रही कि जिला प्रशासन और केंद्रीय विसर्जन समिति द्वारा जमालपुर की प्रतिमाओं के जुबली बेल पहुंचने के लिए जो समय निर्धारित किया गया था, लगभग सभी पूजा समिति की प्रतिमाएं उस समय के पूर्व ही जुबली वेल पहुंच चुकी थी। जिसकी प्रशासनिक अधिकारियों ने मंच से प्रशंसा की।


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