कई जिलों का लाइफ लाइन खुद मझधार में
संवाद सूत्र मुंगेर कोसी-सीमांचल मिथिलांचल और उत्तरी बिहार को जोड़ने वाला मुंगेर स्टेश
संवाद सूत्र, मुंगेर : कोसी-सीमांचल, मिथिलांचल और उत्तरी बिहार को जोड़ने वाला मुंगेर स्टेशन पर यात्री सुविधाएं हो जोनी चाहिए, वह दिख नहीं रहा है। स्टेशन का इतिहास काफी पुराना है। लगभग साढ़े चार वर्ष पहले यह स्टेशन नये स्वरूप में आया है। गंगा रेल पुल चालू होने के बाद मुंगेर स्टेशन रेलवे का लाइफ लाइन बन गया है। अब लाइफ लाइन को मझधार से निकालने की जरूरत है। स्टेशन पर हर दिन यात्रियों का आवागमन पांच से छह हजार के आसपास है, पर यात्री सुविधाएं पर ध्यान नहीं गया। खगड़िया, सहरसा और बेगूसराय के लिए छह जोड़ी ट्रेनें अप और डाउन में हर दिन है। एक एक्सप्रेस ट्रेन जयनगर के लिए चलती है, इसके अलावा अगरतला और गांधीधाम से एक-एक साप्ताहिक ट्रेन मुंगेर होकर गुजरती है। प्लेटफार्म से लेकर हर जगह गंदगी फैली है। जिन्हें स्टेशन की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें इससे कोई वास्ता नहीं है। मुंह मोड़कर पूरा दोष मंडल पर फेंक देते हैं। स्टेशन पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई बार डीआरएम यतेंद्र कुमार ने निर्देश भी दिया है, इसके बाद भी स्टेशन पर उचित व्यवस्था नहीं है। -------------------- कई समस्याएं है स्टेशन की स्टेशन पर शुद्ध पेयजल, शौचालय, विश्रामालय और लाइट की सुविधा नहीं है। रोशनी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। अंधेरे का फायदा उठाने के लिए स्टेशन पर बदमाश सक्रिय रहते हैं। सुरक्षा की व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। आए दिन शाम में यात्रियों से छिनतई जैसी घटनाएं होती है। वेटिग हाल बंद रहता है। प्लेटफार्म पर बना शौचालय भी भगवान भरोसे है। स्टेशन को हर दिन एक लाख से ज्यादा का राजस्व हर दिन आता है। ---------------------- एक नंबर पर फैला है मलबा स्टेशन के एक नबंर प्लेटफार्म पर मलबा फैला हुआ है। इसे हटाने की चिता न संवेदक को है और न स्टेशन के बाबूओं को। ऐसे में यात्रियों को ही परेशान होना पड़ रहा है। पैसेंजर ट्रेनों में कोच की संख्या नहीं बढ़ाए जाने से काफी परेशानी का सामना यात्रियों को हर दिन करना पड़ रहा है। कोरोना जांच के नाम पर खानापूरी की जा रही है। ट्रेन में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। ------------------------- केस स्टडी-एक -बेगूसराय जा रही महिला यात्री रश्मि कुमारी ने बताया कि शाम में ट्रेन से उतरने के बाद पूरा स्टेशन परिसर अंधेरे में डूबा रहता है। ऐसे में अक्सर अनहोनी की आशंका रहती है। शौचालय की स्थिति सही नहीं है। पैसेंजर ट्रेन में कोच की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। ----------------------- केस स्टडी-दो खगड़िया से पहुंचे यात्री अमित कुमार ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर एक पर मलवा कई दिनों से रखा हुआ है। सफाई बेहतर नहीं है। स्टेशन पर कई समस्याएं है। पानी, शौचालय व रोशनी का प्रबंध होना चाहिए। गंदगी फैली रहती है, कोई देखने वाला नहीं है।