सीताकुंड को पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिला, तो ग्रामीण करेंगे आदोलन
सदर प्रखंड स्थित सीताकुंड को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
मुंगेर। सदर प्रखंड स्थित सीताकुंड को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। कई बार सांसद से लेकर विधायक तक ने सीताकुंड को पर्यटक स्थल का दर्जा दिलाने की घोषणा की। दो वर्ष पूर्व जिला के तत्कालीन प्रभारी मंत्री कपिलदेव कामत ने भी सीताकुंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने का आश्वासन देते हुए कहा था कि इसके लिए जितनी भी राशि की आवश्यकता होगी, राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। लेकिन, अभी तक सीताकुंड को पर्यटक स्थल बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा सका है।
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सीताकुंड का अपना है महत्व
प्रचलित लोक कथा के अनुसार जब राम लंका पर जीत दर्ज कर सीता को लंका से वापस लाए, तो सीता की अग्नि परीक्षा ली। अग्नि परीक्षा के बाद मां सीता ने कुंड में स्नान किया। इस कारण सीताकुंड का जल हमेशा गर्म रहता है। पौराणिक मान्यता के कारण यहां सालों भर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सीताकुंड के समीप ही राम, भरत, शत्रुघन और लक्षमण का कुंड है। राम और भरत कुंड का पानी हमेशा ठंडा रहता है।
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जिला मुख्यालय से छह किलोमीटर की दूरी पर है सीताकुंड
सीताकुंड मुंगेर से 6 किलो मीटर स्थित पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। सीताकुंड का नाम भगवान राम की धर्मपत्नी सीता के नाम पर रखा गया है।
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कहते हैं ग्रामीण
मिर्जापुर बरदह के मुखिया प्रतिनिधि सह युवा राजद के जिलाध्यक्ष प्रवेज चांद , सरपंच मु. असलम, मु. समद, अशोक ¨सह, चरित्र ठाकुर, देवकी नंदन आदि ने कहा मुंगेर के धरोहर में सीताकुंड का नाम बिहार ही नहीं पूरे देश में प्रसिद्ध है। सीताकुंड को पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिला, तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में पर्यटन मंत्री को भी ज्ञापन दिया गया है। मुंगेर के पूर्व डीएम उदय कुमार ¨सह पर्यटन विभाग में सचिव बनाए गए हैं। उन्हें भी ज्ञापन दिया गया। उन्होंने भी इस दिशा में पहल करने का आश्वासन दिया है। भीमबांध को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए, तो यहां के स्थानीय युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध होगा।