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पढ़ाई में नौनिहाल होनहार पर झेल रहे व्यवस्था की मार

संवाद सूत्र हेमजापुर (मुंगेर) सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर तरह

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 08:46 PM (IST)
पढ़ाई में नौनिहाल होनहार पर झेल रहे व्यवस्था की मार
पढ़ाई में नौनिहाल होनहार पर झेल रहे व्यवस्था की मार

संवाद सूत्र, हेमजापुर (मुंगेर) : सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर तरह से प्रयास किया जा रहा है, इसके बाद भी स्कूलों में संसधान और व्यवस्था की कमी है। हम बात कर रहे हैं धरहरा प्रखंड के मध्य विद्यालय कुर्मी टोला शिवकुंड की। विद्यालय में कई सुविधाओं का अभाव है। बच्चे होनहार हैं, लेकिन व्यवस्था की मार से परेशान हैं। विभाग थोड़ा से सजग हो तो सरकारी स्कूलों की तस्वीर और बेहतर हो सकती है। एक रिपोर्ट। --------------------------------------- 10:40 बजे, कुर्मी टोला स्कूल हेमजापुर ओपी क्षेत्र के मध्य विद्यालय कुर्मी टोला में दैनिक जागरण टीम पहुंची। सभी शिक्षक और बच्चे अपने अपने कमरे में मौजूद हैं। बच्चे अध्ययन और शिक्षक अध्यापन करा रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक सदानंद राय की नजर इस संवाददाता पर पड़ी। बच्चों की पढ़ाई छोड़कर साथ खड़े हो गए। कक्षा में बच्चे भी खड़े हो गए। बच्चों से पूछने पर विद्यालय में प्रत्येक कमरे में दो-दो कक्षाएं लग रही है। बच्चों ने गुड मार्निंग किया तो संवाददाता ने कुछ सवाल पूछे। पूछे गए सवालों का सटीक उत्तर बच्चों ने दिया। ----------------------------------- 11.10 बजे, विद्यालय की व्यवस्था पर नजर विद्यालय में बालिका शौचालय में गंदगी फैली है। नल की टोटीं हुई है। शौचालय में बेकार बह रहा है। जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। ऐसा लग रहा था कि कई माह से शौचालय की साफ-सफाई का काम नहीं कराया गया था। प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में बाहरी लोगों का भी आना जाना लगा रहता है जिसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ----------------------------- एक कमरे में लगती है दो-दो कक्षाएं मध्य विद्यालय कुर्मी टोला शिवकुंड में एक कमरे में दो अलग-अलग कक्षाओं की पढ़ाई होती है। अलग-अलग कक्षाओं की पढ़ाई होने से दूसरे बच्चों के समय की बर्बादी होती है। छोटे-छोटे बच्चों के लिए विद्यालय में बेंच की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रथम वर्ग के बच्चों को फर्श पर बैठाकर शिक्षा दिया जा रहा है। यहां की बड़ी समस्या चहारदीवारी की है। छह वर्षों से विद्यालय की चहारदीवारी निर्माण नहीं हो सका है। विभाग को कई बार लिखित सूचना दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पंचायत प्रतिनिधियों ने भी अपने स्तर से चहारदीवारी बनवाने का काम किया, लेकिन हर बार बाढ़ में चहारदीवारी ध्वस्त होती गई। --------------------------- कई विषयों में शिक्षक नहीं 30 छात्रों पर एक शिक्षक हैं। बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की काफी कमी है। शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में मात्र पां ही शिक्षक हैं। यही शिक्षक उलटफेर कर अलग-अलग विषयों को पढ़ाते हैं। इस स्थिति से साफ पता लगाया जा सकता है कि कई विषयों की पढ़ाई यहां बाधित हो रही है। ऐसे में नौनिहालों का भविष्य कैसे सुधरेगा ? यह सवाल गूंज रहा है। छात्राओं ने बताया कि अलग-अलग विषयों के कई शिक्षक नहीं होने से उन लोगों की कई विषयों की पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है। ----------------------------------- विद्यालय में नामांकित हैं कुल 331 बच्चे विद्यालय में कक्षा प्रथम से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई होती है। विद्यालय में कुल 331 बच्चे नामांकित हैं जिनमें छात्र 182 और 149 छात्राएं हैं। केवल पांच शिक्षकों के सहारे 331 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। विद्यालय में तत्काल प्रधानाध्यापक सदानंद राय के अलावे प्रकाश सिंह, संध्या कुमारी, अनिल कुमार और नंदन कुमार शिक्षक के रूप में मौजूद हैं। ---------------------- कोट -विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। चहारदीवारी निर्माण के लिए कई बार विभाग को अवगत कराया गया है। विद्यालय व्यवस्था में सुधार के लगातार प्रयत्नशील हैं। -सदानंद राय, प्रभारी प्रधानाचार्य।

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