मेहनत और धैर्य के भरोसे घर से कार्यालय देख रही नीतू
मुंगेर । नारी ही नारायणी है। नारी को शक्ति का स्वरूप माना जाता है। देवतागण भी सम्मान करते
मुंगेर । नारी ही नारायणी है। नारी को शक्ति का स्वरूप माना जाता है। देवतागण भी सम्मान करते हैं, कहा गया है कि पुत्र, कुपुत्र हो सकता है, पर माता कभी कुमाता नहीं हो सकती। जमालपुर के नया गांव स्थित महादलित इलाके की नीतू देवी भी आज इसी साहस और धैर्य के साथ घर से लेकर कार्यालय की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। नीतू अपनी मेहनत के भरोसे तीन पुत्री व एक पुत्र का भरण पोषण कर रही हैं। सुबह घर का सभी कामकाज और बच्चों का भोजन बनाने के बाद ड्यूटी पर चली जाती हैं। नीतू नयागांव स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में मेड का काम करतीं हैं। आठ घंटे स्कूल में काम करने के बाद वह शाम में घर पर लौटती है और घर के कामों में जुट जाती है। नीतू के हौसले और आत्मविश्वास को देखकर मुहल्ले के लोग भी दंग हैं। नीतू कहती है कि बिना मेहनत के कुछ भी संभव नहीं है। अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मेहनत करना पड़ता है। -------------------------------- बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का लक्ष्य नीतू कहती है कि उनका सपना है कि उनके बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर समाज में अलग पहचान बनाए। इसी उद्देश्य से वह जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा सके और सभी का भविष्य उज्जवल का मार्ग प्रशस्त कर सकें। नीतू सुबह में उठ कर घर के काम को समाप्त करती है इसके बाद स्कूल जाती हैं। नौ वर्षों ज्यादा समय से मेहनत करके अपने परिवार को चला रही है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। नीतू कहती है कि कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है इसलिए वह अपने फर्ज को निभाते हुए परिवार की देखभाल को हर संभव प्रयास कर रही हैं। परिवार में पहले आर्थिक संकट और परेशानियों का खूब सामना किया, परिवार की माली हालत सुधारने के लिए नीतू ने स्कूल में काम शुरू किया। आज केवल मेहनत और लगन के बल पर वह दूसरी महिलाओं के लिए नजीर बन गई है।