जबलपुर से AK 47 तस्करी की जांच को मुंगेर पहुंची NIA, कम नहीं चुनौतियां
जबलपुर के सेना के डिपो से एके 47 तस्करी मामले की जांच के लिए एनआइए की 13 सदस्यीय टीम बिहार के मुंगेर पहुंच चुकी है। टीम सोमवार को जांच आने हाथ में लेगी।
मुंगेर [जेएनएन]। जबलपुर के सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो (सीओडी) से एके 47 राइफलों की तस्करी मामले की छानबीन करने एनआइए की टीम रविवार की देर शाम बिहार के मुंगेर पहुंची। एनआइए इस मामले की तह तक जाकर देशविरोधी व आतंकी तथा नक्सली लिंक की पड़ताल करेगी। विदित हो कि जबलपुर से तस्करी कर मुंगेर लाए गए एके 47 राइफलों में अनेक आतंकवादियों व देश विरोधी तत्वों से लेकर नक्सलियों व संगठित अपराधियों के हाथों बेचे जाने का खुलासा हुआ है।
जबलपुर सीओडी से तस्करी कर लाए गए एके 47 राइफलों में से 20 को मुंगेर पुलिस बरामद कर चुकी है। दो बार बड़ी मात्रा में एके 47 के पार्ट्स भी बरामद किए जा चुके हैं। पुलिस अबतक इस मामले में संलिप्त 16 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी चार आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।
सोमवार को सभी छह मामलों का लेगी चार्ज
अब एनआइए इस मामले से संबंधित सभी एफआइआर को लेकर अपने स्तर से जांच शुरू करेगी। डीएसपी एनके मालवीय के नेतृत्व में यहां पहुंची 13 सदस्यीय एनआइए की टीम सोमवार को मुंगेर के मुफस्सिल तथा जमालपुर पुलिस थानों में दर्ज सभी छह मामले के चार्ज अपने हाथ में ले लेगी।
एसपी से मिलकर ली मामले की जानकारी
एसपी बाबू राम ने एनआइए के मुंगेर आने की पुष्टि करते हुए बताया कि टीम ने अबतक उनसे संपर्क नहीं किया है, इसलिए इस बाबत वे विशेष जानकारी देने में फिलहाल असमर्थ हैं। दूसरी ओर पुलिस सूत्रों की मानें तो एनआइए की टीम ने मुंगेर के एसपी से मुलाकात कर एके 47 तस्करी मामले में अब तक की पुलिस कार्रवाई की जानकारी प्राप्त कर ली है।
एनआइए के समाने ये बड़ी चुनौतियां
अब एनआइए के सामने इस मामले की परतें उघाड़ कर अपराधियों पर शिकंजा कसने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
उसके सामने कई बड़ी चुनौतियां भी होंगीं।
सबसे बड़ी चुनौती जबलपुर सीओडी से चोरी की गई सभी राइफलों की बरामदगी की है। इस मामले में पुलिस के हत्थे चढ़े शमशेर, इमरान आदि तस्करों ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में 70 से अधिक एके 47 राइफल मुंगेर लाने की बात कही है। उनमें से मुंगेर पुलिस द्वारा अबतक केवल 20 की ही बरामदगी की जा सकी है।
एके 47 राइफलों को खरीदने वालों पर शिकंजा कसना भी बड़ी चुनौती साबित होगी, क्योंकि नक्सली संगठन से लेकर मुंगेर व झारखंड के कई आपराधिक गिरोहों तक ये राइफलें पहुंचाने की बात सामने आ चुकी है। हथियार तस्करों के आतंकी व राष्ट्र विरोधी कनेक्शन की बात भी उजागर हो चुकी है।
ये राइफलें आतंकियों मुंगेर के अलावा मध्य बिहार का एक अन्य गैंग भी एके 47 की तस्करी में सक्रिय है। उस गैंग पर नकेल कसना भी बड़ी चुनौती होगी।