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मुस्लिम बाहुल्य रामपुर के लोगों की जुबानी, कनेक्शन शुल्क जमा, नहीं पहुंचा पानी

संवाद सहयोगी तारापुर (मुंगेर) हर घर नल का जल योजना के लाभ से अभी भी तारापुर प्रखंड स्ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 May 2022 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 12 May 2022 05:49 PM (IST)
मुस्लिम बाहुल्य रामपुर के लोगों की जुबानी, कनेक्शन शुल्क जमा, नहीं पहुंचा पानी
मुस्लिम बाहुल्य रामपुर के लोगों की जुबानी, कनेक्शन शुल्क जमा, नहीं पहुंचा पानी

संवाद सहयोगी, तारापुर (मुंगेर) : हर घर नल का जल योजना के लाभ से अभी भी तारापुर प्रखंड स्थित रामपुर विषय पंचायत के लोग वंचित है। यहां के मुस्लिम बाहुल्य रामपुर गांव के लोग वंचित हैं। हर घर नल का जल प्रखंड क्षेत्र में विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ गई है। अधिकृत एजेंसी व विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से अब तक लोगों के लिए नल का जल सपना ही बना हुआ है। लोग जलमीनार को देख ही संतोष कर रहे हैं। यहां के लोगों को प्यास बुझाने के लिए वर्ष 2017 में पेयजल आपूर्ति योजना की स्वीकृति दी गई थी। यहां के लोगों में आस जगी थी कि अब पानी की समस्या नहीं होगी, पर ऐसा नहीं हुआ। रामपुर गांव के चार सौ घरों में पेयजल आपूर्ति पाइप लाइन का कनेक्शन नहीं दिया गया। गर्मी में परेशानी और बढ़ गई है। यहां के लोगों को दूसरे टोले या मुहल्ले से पानी लाना पड़ रहा है। रामपुर के लोगों का कहना है कि सभी के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं। गांव के लोग दो बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। ---------------------------------- नीर निर्मल योजना से होनी थी आपूर्ति विश्व बैंक के सहयोग से नीर निर्मल परियोजना से रामपुर विषय पंचायत की दो गांव में जलापूर्ति करने का काम शुरू हुआ। एक करोड़ 47 लाख 88 हजार रुपये की लागत से 675 परिवारों को पेयजल की सुविधा देनी थी। मुस्लिम बाहुल्य रामपुर गांव में लगभग 450 घरों में पानी देना था। परियोजना की शुरुआत 2017 में ही हुई थी, पर बावजूद अभी तक परा नहीं हो सका। रामपुर गांव के लगभग 400 घर के लोग अब भी पेयजल आपूर्ति की आस लगाए बैठे हैं। ------------------------------------ घरों से लिया गया कनेक्शन चार्ज रामपुर गांव की आबादी तीन हजार के आसपास है। 2018 में घर-घर पाइप लाइन से पेयजल आपूर्ति के लिए जिला परियोजना प्रबंधन इकाई की ओर से गृह जल संयोजन शुल्क के रूप में 450 रुपये प्रति घर से लिया गया। परियोजना पूरा होने के बाद परियोजना संचालन व रखरखाव शुल्क के रूप में 60 रुपये प्रति माह राशि लिए जाने की बात कही गई। परियोजना का कार्य एजेंसी की जिम्मेदारी संजीव कुमार को दी गई थी। ----------------------------- जानिए ग्रामीणों का दर्द - पानी मिलने का भरोसा देकर विभागीय अधिकारियों ने चार वर्ष का समय काट लिया, पर पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई। इलाके में इस गांव से ज्यादा पानी की किल्लत शायद किसी दूसरे गांव में होगी। अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि को इस समस्या से कोई मतलब नहीं है। -मु.सिजामुद्दीन ------------------ गर्मी में मुहल्ले के चापानलों से पानी निकलना बंद हो गया है। नल जल योजना से पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। दूर से पानी ढोकर लाना पड़ता है, उसी से कपड़ा धोने से लेकर स्नान और पीने का काम होता है। दिन का आधा समय पानी की जुगाड़ में ही बीत जाता है। -जरीना खातून ---------------------- चार वर्ष पूर्व ही रसीद काटकर पैसा लिया है गया और अब तक पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी गांव में आते हैं, सभी से गुहार लगाई गई है। किसी ने अब तक सुध नहीं लिया है। किसी तरह जिदगी कट रही है। - रुकैया खातून -------------- पानी की किल्लत शुरू से ही है। नल जल योजना शुरू होने से आस बंधी थी कि पानी की समस्या का समाधान होगा। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाए कि अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। एजेंसी की ओर से जहां-तहां गड्ढा कर दिया गया है, पर पानी नहीं है। दूसरे के घरों से पानी लाने में हिचकिचाहट होती है। -अंगूरी खातून ---------------- घरों तक पेयजल आपूर्ति का पाइप नहीं पहुंचा है। 2018 में ही 450 रुपया का रसीद भी काट कर पैसा ले लिया है। पानी का संकट का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है। पानी के लिए इधर-उधर भटकना मजबूरी है। ढो ढोकर पानी इकट्ठा करना पड़ता है। पर्व त्यौहार में तो और परेशानी होती है। -मु कमाल --------------- -दिसंबर 2017 में ही काम शुरू हुआ था। 2019 तक में कार्य पूर्ण कर लेना था। अभी तक में मुश्किल से 30 घरों में ही आपूर्ति हुई है। 400 के लगभग घरों में कनेक्शन भी नहीं हुआ है। गांव में आधी आबादी ऐसी है जिनके घरों में पानी नहीं मिलती है वह दूसरे के घरों से दूर से पानी लाते हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। -मु. शहाबुद्दीन ----------------

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-पीएचइडी विभाग को ही काम करना था। सहायक अभियंता ने कहा है कि सात दिनों में काम को पूरा कर लेंगे। निर्धारित सात दिनों में काम पूरा नहीं करेंगे तो दंडात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। रामपुर गांव में पेयजल की समस्या को दूर किया जाएगा। इसके लिए लगातार प्रयास चल रहा है। -रंजीत कुमार, एसडीओ।


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