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चौथी लहर से लड़ने के लिए सब तैयार, चिकित्सकों की है दरकार

संवाद सहयोगी मुंगेर कोरोना की चौथी लहर की आशंका पर जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलट

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 May 2022 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 11 May 2022 06:20 PM (IST)
चौथी लहर से लड़ने के लिए सब तैयार, चिकित्सकों की है दरकार
चौथी लहर से लड़ने के लिए सब तैयार, चिकित्सकों की है दरकार

संवाद सहयोगी, मुंगेर : कोरोना की चौथी लहर की आशंका पर जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है। चौथे लहर से लड़ने की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। कोरोना से निबटने के लिए जरूरी संसाधनों को जुटा दिया गया है। आक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर और बेड को व्यवस्थित करने का काम चल रहा है। लेकिन, चिकित्सकों की कमी को दूर नहीं किया गया है। मुंगेर जिले का हाल काफी दयनीय है। यहां चिकित्सकों की घोर कमी है। जिले में चिकित्सकों के सृजत 154 पद में से 39 पद खाली है। इसमें से शिशु रोग, फिजिशियन सहित कई विभाग के चिकित्सक हैं। शनिवार को सदर अस्पताल का जायजा लेने के बाद तीसरी लहर से निपटने व्यवस्था से रूबरू हुए। सिविल सर्जन डा. आनंद शंकर ने बताया कि चिकित्सक के साथ पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, आइसीयू वार्ड, प्रसव वार्ड का निरीक्षण किया। इसके बाद तैयारी को लेकर समीक्षा लगातार की जा रही है।

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100 बेड का कोरोना सेंटर में बढ़ी सुविधाएं

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं। कोरोना से लड़ाई में सदर अस्पताल में बच्चों के लिए बेड पर आक्सीजन की व्यवस्था की गई है। कोरोना सेंटर 100 बेड का जीएनएम में तैयारी पूरी है। सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट रेडी है। इ सबार आक्सीजन की किसी तरह से कमी न हो, इसके लिए सीधे बिस्तर तक पाइप लाइन के माध्यम से सप्लाई की व्यवस्था बनाई गई है। सदर अस्पताल में अब बच्चों को आक्सीजन की कमी नहीं होगी। बीमार बच्चों को समय पर आक्सीजन मिल जाएगा। सिलेंडर को भी अलग से रिजर्व रखा गया है।

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शिफ्ट में 10 डाक्टर रहेंगें कोरोना वार्ड में

100 वार्ड वाले कोविड सेंटर में डाक्टरों की हमेशा ड्यूटी रहेगी। इसमें सभी डाक्टर सदर अस्पताल के होगें। डाक्टर तीन शिफ्ट में रहकर मरीजों का इलाज करेगें। वहीं, वार्ड में आठ नर्सो की ड्यूटी रहेगी। जिले में चिकित्सको की कमी दूर नहीं किया गया है। नही हो पाई है। जिससे मरीजो को इलाज कराने में घंटो इंतजार करना पड़ता है।

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इस बार नहीं आएगी नौबत

जिले़ में दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी के कारण सरकारी आकड़े के अनुसार दो सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जिले के सदर अस्पताल से लेकर कोरोना वार्ड में आक्सीजन की किल्लत थी। इसके अलावा चिकित्सकों भी संख्या के अनुसार कम थे। कई चिकित्सक भी चपेट में आ गए थे। दूसरी लहर में श्वांस संबंधित पीड़तों की संख्या ज्यादा थी। लेकिन, पिछले बार की कमियों को देखते हुए इस बार आक्सीजन की कमी को काफी हद तक दूर कर लिया गया है।

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तारापुर अनुमंडलीय अस्पताल में बेहतर व्यवस्था

संवाद सहयोगी, तारापुर (मुंगेर) : तारापुर स्थित अनुमंडलीय अस्पातल में कोरोना को लेकर बेड और आक्सीजन की व्यवस्था कर दी गई है। लेकिन, चिकित्सकों की कमी को दूर नहीं किया गया है। यहां चिकित्सक का आधा दर्जन पद खाली है। शिशु रोग विशेषज्ञ एक भी नहीं है। कोरोना से निबटने के लिए जरूरी संसाधनों को जुटाया गया है। अनुमंडलीय अस्पताल में अलग से कोरोना मरीजों के लिए 40 बेड की व्यवस्था की गई है। सभी बेड तक आक्सीजन पाइप लाइन की सुविधा मुहैया कराया गया है। अनमुंडल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट चालू है, साथ ही आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था है। वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है। गंभीर रूप से संक्रमितों के इलाज के लिए मुंगेर स्थित जीएनएम में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। वार्ड में इलाज के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई है। सिविल सर्जन डा. आनंद शंकर ने बताया कि अभी जिले में तारापुर अनुमंडलीय अस्पताल में एक आक्सीजन प्लांट काम कर रहा है। जिले में 150 छोटे और 300 बड़ा जंबो आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। अनुमंडलीय अस्पताल में कोरोना संबंधित दवाओं की कमी नहीं है।


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