धूमधान से मना मकर संक्रांति का पर्व, ठंड के बाद भी गंगा में लगाई डुबकी
मुंगेर। गुरुवार को मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। मकर संक्रांति का महत्व भगव
मुंगेर। गुरुवार को मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। मकर संक्रांति का महत्व भगवान सूर्य के उत्तरायण होने से है। भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही देवताओं के दिन शुरू होने से मांगलिक कार्य भी आरंभ हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार सूर्यदेव को मकर संक्रांति के दिन अर्घ्य के दौरान जल, लाल पुष्प, फूल, वस्त्र, गेहूं, अक्षत, सुपाड़ी अर्पित किए जाते हैं। इस दिन पूजा के बाद लोग पंडित गरीबों तथा जरूरतमंद को दान भी करते हैं। गुरुवार की सुबह से ही विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। हर हर गंगे के जयघोष के साथ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। वहीं, स्नान के बाद भगवान सूर्य की पूजा अर्चना की। वहीं, गंगा घाट पर मौजूद भिक्षुकों को दान भी किया।
तारापुर : बड़ी संख्या में लोगों ने सुलतानगंज स्थित गंगा घाट पर जाकर गंगा स्नान किया। लोगों ने ऐसे मौके पर तालाब एवं बहते जल के नदियों में भी स्नान कर दान पुण्य किया। शौकिया लोगों ने पतंग उड़ा कर मकर संक्रांति का त्योहार मनाया।
हवेली खड़गपुर : मकर संक्रांति पर्व धूमधाम से मनाया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद भी पर्व को लेकर प्रत्येक घरों में उत्सव सा माहौल देखने को मिला। लोगों ने स्नान कर पूजा अर्चना की। वहीं, अपने अपने सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य कर चूड़ा, दही, गुड़, तिलकुट, तिलवा आदि ग्रहण किया । मकर संक्रांति पर्व को लेकर छोटे-छोटे बच्चों में काफी उत्साह नजर आया। चूड़ा, दही, गुड़, तिलकुट, तिलवा आदि खाने के पश्चात बच्चों ने खूब पतंगबाजी की ।
धरहरा : मकर संक्रांति पर्व को लेकर प्रखंड में काफी चहल-पहल रही। स्नान ध्यान के पश्चात श्रृद्धालुओं ने सूर्य पूजन किया। उसके बाद दही चूड़ा एवं तिल से निर्मित विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लोगों ने लुत्फ उठाया। एक दूसरे एवं सगे संबंधियों के घर आमंत्रण व संदेश देने का सिलसिला जारी रहा। दोपहर में लोगों ने जमकर पतंगबाजी की। इस दौरान बाजार में खरीददारी को लेकर काफी चहल-पहल रही।