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धनतेरस पर खूब बिकी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं

मुंगेर। धनतेरस के मौके पर लोगों ने अच्छी खरीदारी की। दोपहर बाद बाजार में बड़ी भीड़ देखने

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 06:16 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 06:16 PM (IST)
धनतेरस पर खूब बिकी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं
धनतेरस पर खूब बिकी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं

मुंगेर। धनतेरस के मौके पर लोगों ने अच्छी खरीदारी की। दोपहर बाद बाजार में बड़ी भीड़ देखने को मिली । बर्तन, जेवरात तथा दो पहिया वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक सामानों के दुकानों पर अच्छी भीड़ देखी गई। वहीं, मिट्टी के बने लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की बिक्री भी अच्छी हुई।स्टील के वर्तन भी खूब बिकी।

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महिलाओं ने झाड़ू खरीदने को ही प्राथमिकता दी। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने पर घर में सकारात्मकता का संचार होता है। धनतेरस में कलश, हल्दी की गांठ खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन घर की सफाई कर पुरानी झाड़ू की जगह नई झाड़ू खरीदनी चाहिए। इस दिन धनिया के बीज, सोना चांदी धातु के बर्तन खासकर पीतल के बर्तन खरीदना भी शुभ होता है। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने वाले को उसे खाली नहीं रखना चाहिए, बल्कि पूजा से पहले उन में जल भरकर रखना चाहिए।

पंडितों के अनुसार अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस के दिन प्रदोष काल में घर के बाहर यमराज के लिए एक दीपक जलाया जाता है। इसे यम का दीपक भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज प्रसन्न होते और वे उस परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से रक्षा करते हैं। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की भी पूजा की जाती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि को कृष्णा तुलसी, गाय का दूध और उससे बने मक्खन का भोग लगाए जाते हैं। भगवान धन्वंतरि को पूजा सामग्री के साथ औषधियां चढ़ाने की परंपरा है। इसको प्रसाद के तौर पर खाने से बीमारियां दूर होती हैं । मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे, तब उनके हाथों में पीतल के कलश में अमृत था। ऐसी मान्यता है कि धनवंतरी को पीतल बहुत प्रिय है। इसलिए धनतेरस के दिन पीतल की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस की खरीदारी में चांदी के सिक्के, आभूषण आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। लक्ष्मी पूजा के दिन चांदी के इन वस्तुओं की पूजा करनी चाहिए।

पंडित निरंजन कुमार झा के अनुसार इस साल धनतेरस का शुभ मुहूर्त केवल 27 मिनट का है। संध्या 5:30 से 5:59 तक पूजा कर लेनी चाहिए। इस दौरान पूजा करना फलदाई साबित होगा। यदि कोई इस समय दीपदान करता है, तो अति शुभ होगा। हिदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्यौहार होता है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 12 नवंबर दिन गुरुवार को रात 9:30 से हो रहा है जो 13 नवंबर दिन शुक्रवार को शाम 5:59 तक है। धनतेरस का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को सुबह 11:20 से 12:04 तक अभिजीत मुहूर्त तथा 13 नवंबर को सुबह 11:20 से 12:04 तक अभिजीत मुहूर्त है।


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