भारतीय रेल के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है इरिमी : महानिदेशक
मुंगेर। भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान इरिमी जमालपुर रेल की सबसे महत्वपूर्ण इक
मुंगेर। भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान इरिमी जमालपुर रेल की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। यह रेल को 93 वर्षो से एक से बढ़कर एक इंजीनियर देती आई है। इरिमी के बदौलत ही आज भारतीय रेल निर्बाध रूप से आगे बढ़ रही है।
इरिमी के 93वें वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए उक्त बातें मुख्य अतिथि भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी के महानिदेशक नायर संजय पाल सिंह चौहान ने कही। उन्होंने प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र एवं मेडल देकर प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में इरिमी को तकनीकी रूप से और विकसित किया जाएगा। इसके पहले पूर्व महाप्रबंधक एससी सेन गुप्ता ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि भारतीय रेल में इरिमी की पहचान सबसे अलग है। यहां से तैयार हुए इंजीनियरों की काबिलियत बोलती है। ऐसे संस्थान को और अधिक विकसित किया जाना चाहिए, ताकि इरमी के गौरवशाली इतिहास को बचाया जा सके। इरिमी निदेशक एसके याग्निक ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल के विकास में इरिमी अहम भूमिका का निर्वाह कर रही है। इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किए भारतीय रेलवे यांत्रिक अभियंत्रण सेवा के अधिकारी रेलवे के विकास एवं अधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। समारोह का संचालन आचार्य जी वेंकटेश एवं धन्यवाद ज्ञापन आचार्य एमके राय ने किया। इस अवसर पर प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर पूर्व रेलवे एसआर घोषाल, सीडब्ल्यूएम सुदर्शन विजय, आचार्य अविनाश प्रकाश, जेपी सिंह, एके त्रिपाठी, जयप्रकाश मंडल, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक हिमांशु मंडल, प्रेम प्रकाश के अलावा मुकेश, हिमालय कुमार हिमांशु सहित कई शामिल थे।
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रेलवे में परिचालन तथा रोलिग स्टॉक को मजबूत बना रहा इरिमी
संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) : इरिमी के वार्षिकोत्सव में पहुंचे भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी के महानिदेशक नायर संजय पाल सिंह चौहान ने कहा कि इरमी रेलवे में परिचालन तथा रोलिग स्टॉक को मजबूत बना रहा है। यहां स्थापित वर्ल्ड क्लास के उपकरणों, प्रयोगशाला के साथ, ईएमयू टावर कार निर्माण के के दिशा में जो कार्य निदेशक एसके याग्निक के नेतृत्व में किया जा रहा है, वह काफी प्रशंसनीय है। इरिमी के साथ कारखाना में भी उत्कृष्ट कार्य निर्माण एवं मरम्मत होना, इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। ऐसे संस्थान को तकनीकी रूप से विकसित करना रेल की प्रथम प्राथमिकता होगी।