तीसरी आंख की निगाहेबानी के बाद भी दलालों पर नहीं लग रहा अंकुश
- सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड महिला वार्ड प्रसव वार्ड सहित बीस स्थानों पर लगे हैं सीसीटीव
- सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, महिला वार्ड, प्रसव वार्ड, सहित बीस स्थानों पर लगे हैं सीसीटीवी कैमरे
संवाद सूत्र, मुंगेर : सुरक्षा के दृष्टिकोण से सदर अस्पताल में बीस स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने यह दावा किया था कि अब दलालों की सक्रियता पर अंकुश लगेगा। सीसीटीवी कैमरे के मध्यम से अस्पताल परिसर में सक्रिय दलालों की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। संदिग्ध गतिविधि दिखते ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, तीसरी आंख की निगरानी के बाद भी दलालों की सक्रियता पर अंकुश नहीं लग रहा है। वहीं, सीसीटीवी कैमरा के साथ ही तीन दर्जन निजी सुरक्षा गार्ड भी कार्यरत हैं। इसके बाद भी दलालों की सक्रियता पर अंकुश नहीं लगना कई सवालों को जन्म दे रही है। सदर अस्पताल में प्रतिदिन 700 से 800 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। उन मरीजों में 400 से अधिक महिला मरीज होती है। जिसमें दो सौ की संख्या गर्भवती महिलाओं की होती है। महिला चिकित्सक मरीजों को ब्लड जांच से लेकर अल्ट्रासाउंड तक कराने की सलाह देते हैं। लेकिन, दलाल महिलाओं को झांसा देकर मरीज के परिजन को निजी जांच घर और अल्ट्रासाउंड सेंटर तक देते हैं। इस कारण मरीजों का आर्थिक शोषण होता है। वहीं, प्रसव केंद्र और इमरजेंसी वार्ड के पास दलालों की सक्रियता अधिक दिखती है। ऐसे दलाल मरीजों को निजी क्लिनिक में सही उपचार होने की बात कह कर उन्हें निजी क्लिनिक तक पहुंच कर मोटी कमाई करते हैं। सीसीटीवी कैमरा लगे होने के बाद भी दलालों पर कार्रवाई नहीं होना, अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
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कोट
सीसीटीवी कैमरा के फुटेज की नियमित जांच की जाती है। दलाल के बारे में अब तक सूचना नहीं मिली है। दलालों पर नकेल कसने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा। वैसे दलालों पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. पुरूषोत्तम कुमार, सिविल सर्जन मुंगेर