एप्रोच पथ बनाने को किए विस्फोट से दहल उठा इलाका
मुंगेर : बरियाकोल सुरंग के समानांतर प्रस्तावित दूसरे सुरंग के निर्माण एवं एप्रोच रेलवे पथ में
मुंगेर : बरियाकोल सुरंग के समानांतर प्रस्तावित दूसरे सुरंग के निर्माण एवं एप्रोच रेलवे पथ में बाधक बन रहे पत्थर के टीले को बुधवार की शाम
5:47 मिनट पर उड़ाया गया । इस विस्फोट की आवाज इतनी जबरदस्त थी कि आसपास का इलाका दहल गया। वहीं पत्थर के टीलों में बनाए गए 25 छेदों में विस्फोटक लगा कर एक साथ विस्फोट किया। देखते ही देखते पत्थर का टीला धराशायी हो गया । विस्फोट करने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से मलाची कंपनी का दस्ता पहुंचा था । जिसने पूरी सतर्कता के साथ ब्लास्ट को अंजाम दिया । जानकारी हो कि पूर्व रेलवे के मालदा डिविजन के भागलपुर किउल रेलखंड पर जमालपुर रतनपुर के बीच पटरी दोहरीकरण और विद्युतीकरण के काम के साथ ही नए प्रस्तावित सुरंग के एप्रोच पथ में पत्थर के टीले को हटाने के लिए ब्लास्ट करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था । इसलिए रेलवे द्वारा ही ब्लास्ट करने का निर्णय लिया गया और अपने निर्धारित दिन के अनुसार ब्लास्ट कर टीले को ध्वस्त किया गया । इधर, ब्लास्ट होने की खबर मिलने से आसपास के सैकड़ों लोग इस ²श्य को देखने स्थल की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन सुरक्षा ²ष्टिकोण से मौके पर मौजूद सहायक अभियंता ओपन लाइन उज्जवल कुमार, ईस्ट कालॉनी के जितेंद्र कुमार, शिवजी ¨सह, आरपीएफ जवान के अलावा पूर्व वार्ड पार्षद रामबृक्ष तांती आने जाने वाले राहगीरों को रोक रहे थे ।
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16 अप्रैल तक होगा चरणबद्ध ब्लास्ट
जमालपुर रतनपुर रेलवे स्टेशन के बीच प्रस्तावित दूसरे सुरंग तक बिछने वाली रेल पटरी के मार्ग में बाधक बने पत्थर के टीले को हटाने के लिए बुधवार को पहला ब्लास्ट किया गया । अब ब्लास्ट के मलवे को हटाने के लिए छह दिनों का समय निर्धारित है । जिसके बाद दूसरा ब्लास्ट 14 मार्च को किया जाएगा और फिर अगले छह दिनों तक मलवा हटाया जाएगा । सातवें दिन 21 मार्च को तीसरा ब्लास्ट किया जाएगा । हालांकि कार्यकारी एजेंसी इस बात को लेकर आशान्वित है कि तीन ब्लास्ट में ही पत्थर के टीले का सफाया हो जाएगा । परंतु ऐसा नहीं हुआ तो चौथा ब्लास्ट 6 अप्रैल को और अंतिम पांचवा ब्लास्ट 16 अप्रैल को किया जाना तय है।
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कठिन चुनौतियों के साथ ब्लास्ट संपन्न
भारतीय रेल ने एके कंस्ट्रक्शन को पत्थर का टीला हटाने की जिम्मेवारी दी है । टीले से महज दस मीटर पश्चिम की दिशा में स्थित हनुमान मंदिर के पांच मीटर उत्तर जमालपुर रतनपुर रेलवे ट्रैक स्थित है । ऐसे में कार्यकारी एजेंसी आरके ट्रांसपोर्ट रांची के सामने इन दोनों को बचाने के साथ ही लगभग सौ मीटर स्थित वर्तमान बरियाकोल सुरंग को प्रभावित नहीं होने देने की चुनौती थी । जिसे विशेषज्ञ विस्फोटक दल ने सफलता पूर्वक अंजाम दिया।
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36 फीट की गहराई में किया गया विस्फोट
बताया जाता है कि विगत फरवरी में ही बिहार के गया जिला कि एक एजेंसी ने पत्थर के टीले के विस्फोट की पृष्ठभूमि तैयार कर दी थी । इस क्रम में टीले के पश्चिमी छोड़ में विस्फोट के लिए दो दर्जन से अधिक लगभग चार इंच व्यास का ड्रील मशीन से छेद किया गया था और ये सभी छेद 35-36 फीट गहरे किए गए हैं । बुधवार को इन्हीं छेदों में तीव्र विस्फोटक सामाग्री से कंट्रोल ब्लास्ट को विशेषज्ञों की टीम ने अंजाम दिया।
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लगातार देखरेख में व्यस्त दिखे शर्मा जी
पत्थर के टीले को उड़ाने की जिम्मेवारी एके कंस्ट्रक्शन को सौंपी गई थी । जिसने पेटीदार के तौर पर झारखंड प्रदेश के आरके ट्रांसपोर्ट को ड्रीलींग एवं ब्लास्ट की जिम्मेवारी दी थी । आरके ट्रांसपोर्ट के परमेश्वर कुमार शर्मा ने कहा कि कठिन चुनौती के बीच इस कार्य को अंजाम देना था और इसके लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल के आसनसोल स्थित मलाची कंपनी के विस्फोट विशेषज्ञ का सहयोग लिया । जो इस प्रकार के ब्लास्ट में माहिर है । इसके लिए कड़ी सुरक्षा के बीच आसनसोल से बख्तरबंद वाहन से विस्फोटक सामग्री जमालपुर मंगाई गई । ब्लास्ट के दौरान किसी प्रकार की चूक न हो इसका परमेश्वर शर्मा ने ध्यान रखते हुए ब्लास्ट के कार्य को संपन्न कराया ।