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कैसे मिले प्रवासी मजदूरों को रोजगार, जब मनरेगा का है बुरा हाल

मुंगेर । कोरोना संकट के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी अपने घर लौट आए हैं। प्रवासियों को रोजग

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 07:43 PM (IST)
कैसे मिले प्रवासी मजदूरों को रोजगार, जब मनरेगा का है बुरा हाल
कैसे मिले प्रवासी मजदूरों को रोजगार, जब मनरेगा का है बुरा हाल

मुंगेर । कोरोना संकट के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी अपने घर लौट आए हैं। प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने में मनरेगा की भूमिका को सबसे अहम माना जा रहा है। हालांकि, जमालपुर प्रखंड में मनरेगा योजना का बुरा हाल है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को सालों भर रोजगार उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती होगी। प्रखंड में 10 पंचायतों में से पांच पंचायत क्रमश: सिधिया, कलारामपुर, पाटम, इंद्ररुख पूर्वी एवं पश्चिमी में मनरेगा योजना का काम चल रहा है। इसमें अभी तक मात्र 42 प्रवासी मजदूरों को रोजगार सुनिश्चित करवाया गया है। वहीं, एक आंकड़े पर नजर डाले तो पता चलता है कि प्रखंड में अब तक 900 प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्यों से आए हैं। जिसमें लगभग तीन सौ प्रवासी क्वारंटाइन अवधि पूरी कर अपने घर लौट चुके हैं। प्रवासी मजदूर लखन पंडित, सुधीर मंडल, पारो पासवान, विनीत सिंह, शेखर कुमार, सुमन दास, चंद्रशेखर पासवान, सुनील कुमार, प्रमोद यादव आदि ने कहा कि जब तक क्वारंटाइन सेंटर में थे, तब तक खाने पीने और रहने की कोई चिता नहीं थी। घर लौटने के बाद अब परिवार के भरण पोषण की जिम्मेवारी हमारे कंधे पर आ गई है। पंचायत में तो सरकारी योजना के तहत कार्य हो रहा है, पर हम लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इधर, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को मनरेगा योजना से जोड़ा जा रहा है। अभी तक 42 मजदूरों की मनरेगा में कार्य करने के लिए डिमांड किया गया है। बांकी मजदूरों के लिए पंचायत रोजगार सेवक कार्य में लगे हैं, जो भी प्रवासी मजदूर मनरेगा में कार्य करने का इच्छुक होंगे, उन्हें अवश्य काम उपलब्ध कराया जाएगा। -------------------- हाथों से नहीं पंचायत में मशीन से लिया जा रहा कार्य प्रखंड के रामनगर पंचायत अंतर्गत तालाब पोखर में चल रहे खुदाई एवं मिट्टी भराई कार्य जेसीबी मशीन एवं ट्रैक्टर किए जाने के कारण मजदूरों रोजगार के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। हालांकि तालाब पोखर की खुदाई एवं भराई कार्य भले ही मनरेगा योजना के तहत नहीं हो रहा है। प्रखंड प्रोग्राम पदाधिकारी प्रभात कुमार ने भी कहा कि संबंधित योजना मनरेगा की नहीं है। तालाब पोखर खुदाई एवं भराई का कार्य सिचाई विभाग की ओर से किया जा रहा है। जो भी हो इस सरकारी योजना में भी मशीन के जगह मजदूरों से कार्य लिया जाता, तो कई मजदूरों को काम मिल सकता था।

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