शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं चार हजार लोग
जमालपुर प्रखंड की पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत पर भगवान इंद्र की कृपा नहीं हो रही है। यह इलाका जल संसाधन के मामले में काफी समृद्ध रहा है।
मुंगेर। जमालपुर प्रखंड की पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत पर भगवान इंद्र की कृपा नहीं हो रही है। यह इलाका जल संसाधन के मामले में काफी समृद्ध रहा है। लेकिन, इस इलाके के पानी में ऑर्सेनिक अधिक मात्रा में पाए जाने से मानव जीवन के लिए काफी खतरनाक है। लेकिन, सरकार की योजनाओं के बावजूद लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन मौसम बदलते ही अब संक्रमित बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। लोगों का कहना है कि चापाकल का पानी पीला निकल रहा है, जो पीने योग्य पानी नहीं है। गांव वालों ने कहा कि चापाकल का पानी दिखने में तो साफ लगता है, लेकिन जांच करवाने पर पता चला कि पानी पीने लायक नहीं है। बहरहाल पंचायत की 10,11 और 13 वार्ड में स्वच्छ पेयजल की कोई सुविधा सरकार की ओर से नहीं है। अशुद्ध पेयजल के उपयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में जल जनित बीमारियां होती है। मालूम हो कि सात निश्चय योजना के तहत सरकार गांवों में शुद्ध जल मुहैया करने के लिए कार्य कर रही है।
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महिलाओं ने लिया संकल्प, जल को करेंगे संचय
पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत के उप मुखिया डेजी देवी और वार्ड सदस्य ललिता देवी दौलत देवी ने संयुक्त रुप से गांव की महिलाओं को पानी की उपयोगिता के बारे में समझाते हुए इसे बर्बाद नहीं करने का सलाह दिया। जल का संचय कर इसका उपयोग किस तरह किया जाए इस बारे में भी जानकारी दिया। इस मौके पर ¨चटू कुमार, इंदु देवी, गायत्री देवी, बीना देवी, ममता देवी, रेनू देवी, रीता देवी, गायत्री देवी, सीमा देवी, शीला देवी, हेमा देवी, ममता देवी प्रतिमा देवी सहित कई मौजूद थे।