कारखाना के पॉवर हाउस में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, तीन रेलकर्मी घायल
रेल इंजन कारखाना जमालपुर में एक बार फिर से सुरक्षा मानकों की अनदेखी उजागर हुई है। सुबह सवेरे पॉवर हाउस के कमरे में अचानक विद्युत शॉर्ट सर्किट होने से अफरातफरी मच गई।
मुंगेर। रेल इंजन कारखाना जमालपुर में एक बार फिर से सुरक्षा मानकों की अनदेखी उजागर हुई है। सुबह सवेरे पॉवर हाउस के कमरे में अचानक विद्युत शॉर्ट सर्किट होने से अफरातफरी मच गई। वहीं शॉप के तीन रेलकर्मी झुलस कर घायल हो गए। घायल रेलकर्मी का उपचार रेलवे अस्पताल में जारी है। वहीं उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। इधर, कारखाना के पावर हाउस में 11 हजार हाई वोल्ट के तार में लगी शॉर्ट सर्किट को देखने घायल विद्युत शॉप के सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार, विद्युत कर्मी नारायण साव एवं सरोज कुमार पहुंचे। इसके बाद तीनों रेलकर्मी को जोरदार करंट का झटका ही नहीं लगा बल्कि शॉर्ट सर्किट से लगी आग की लपटों ने तीनों के चेहरे, सिर, हाथ, छाती को बुरी तरह झुलसा दिया। आनन फानन में तीनों घायल रेलकर्मी को इलाज के लिए रेल अस्पताल लाया गया। जहां रेल चिकित्सक डॉक्टर जेके प्रसाद ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उपचार शुरू कर दिया। जिस वजह से तीनों रेलकर्मी खतरे से बाहर बताए गए । इधर, घटना की सूचना मिलते ही सीडब्लूएम अर¨वद कुमार पांडे, डिप्टी सीईई अपूर्वा मुखर्जी, एईई वीसी जेना सहित यूनियन नेता अस्पताल पहुंच तीनों घायल रेलकर्मी को देखा और उन्हें भरोसा दिया। इधर, पावर हाउस में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी आग की जांच कराने की बात मुख्य कारखाना प्रबंधक ने कही । शॉर्ट सर्किट में घायल रेलकर्मी लखीसराय जिले के पीरी बाजार निवासी स्वर्गीय धीरेंद्र प्रसाद का पुत्र सनोज कुमार, सिवान जिले के भीम सेन साह का पुत्र नारायण साह और सुपौल जिले के चंदेश्वरी प्रसाद यादव का पुत्र सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार बताया गया है ।
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सेफ्टी को लेकर गंभीर नहीं है कारखाना प्रशासन
रेल इंजन कारखाना में आउट टर्न ओवर बढ़ाने के बोझ तले दबे रेलकर्मी के साथ हमेशा कार्य के दौरान किसी न किसी तरीके से घटना दुर्घटना घटते आया है । इसके बाद भी कारखाना प्रशासन सेफ्टी को लेकर गंभीर नहीं होता है, जिसका परिणाम है कि पिछले साल दौरान दर्जनों घटनाएं कारखाना के विभिन्न शाप में घटी है। इसके बावजूद कारखाना प्रशासन की ¨नदा सेफ्टी के दिशा में नहीं जगी है। हलाकि ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन हमेशा कारखाना प्रशासन को सेफ्टी के ¨बदु पर गंभीर होने को कही है, पर सेफ्टी मामलों में जो भी कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर होती है। वह कागजों और फाइलों तक ही सिमट कर रह जाती है। जिसके कारण कारखाना में घटना पर विराम नहीं लग पा रहा है । मेंस यूनियन के केंद्रीय नेता सत्यजीत कुमार के साथ
ओमप्रकाश, बहावउद्दीन, दीपक सहित अन्य ने भी कारखाना में सुरक्षा मानकों की लगतार अनदेखी होना बताया ।