रेलनगरी में अपराधियों के टारगेट पर रेलकर्मी
मुंगेर। रेल कारखना, इरिमी, एसीआरए और मॉडल स्टेशन के कारण जमालपुर का उप नाम रेलनगर
मुंगेर। रेल कारखना, इरिमी, एसीआरए और मॉडल स्टेशन के कारण जमालपुर का उप नाम रेलनगरी भी है । लेकिन रेलनगरी पर अपराधियों की काली नजर लग गई है । शुक्रवार को रेलकर्मी नंदन कुमार सहित रेलकर्मी के पुत्र राकेश कुमार ¨सह की हत्या के बाद सीन साफ हो गया है कि यहां के रेलकर्मी बदमाशों के सॉफ्ट टारगेट पर हैं । आंकड़े बता रहे कि बीते आठ महीने के अंदर आठ रेलकर्मियों की हत्या कर दी गई है । दिन व दिन अपराधी रेलकर्मी को मौत के घाट उतार रहे हैं। कभी रेल कारखाने के पास हत्या कर दी जाती है तो कभी बीच बाजार में । रेलकर्मी कहीं से भी सुरक्षित नहीं है। अब तो इनके भय से रेलवे कालोनी में रहने वाले परिजन भी संगीन के साए में जी रहे हैं । वहीं, लगातार घटना के बाद रेलकर्मी तबादला और वोलेंट्री रिटायरमेंट की जुगत में लग गए हैं। हर हाल में जमालपुर नहीं रहना चाह रहे हैं। रेलकर्मियों की हत्या का सिलसिला 2010 से शुरू हुआ था। जो 2018 तक लगातार जारी है।
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43 दिन पहले भी गोलियों से भून दिया था
अपराधियों ने 43 दिन पहले 11 जनवरी 2018 को ईस्ट कॉलोनी में रेलवे डीजल शेड मोड़ के पास रेलकर्मी दिनेश मंडल की गोली मारकर हत्या कर दी थी । मृत रेलवे डीजल शेड में टेक्नीशियन टू के पद पर कार्यरत था । अपराधियों ने एक गोली सिर में और दूसरी गोली पीठ में मारी थी । गोली लगने से रेलकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई थी।
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मृत रेलकर्मियों की सूची
- 11 जनवरी 2018 को दिनेश मंडल
- रामप्रसाद तांती
-रेलकर्मी पुत्र प्रीतम
- अशोक मंडल
-शंकर साव
- निर्मला देवी
-दशरथपुर में रेलकर्मी की गोली मारकर हत्या