Move to Jagran APP

शहीद राजेश की अंतिम विदाई में योगनगरी के साथ रो पड़े भगवान इंद्र भी

मुंगेर। सात वर्ष के मासूम आयुष को यह अहसास ही नहीं था कि उसके पिता अब नहीं रहे। मुखाग्नि

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 12:12 AM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 12:12 AM (IST)
शहीद राजेश की अंतिम विदाई में योगनगरी के साथ रो पड़े भगवान इंद्र भी
शहीद राजेश की अंतिम विदाई में योगनगरी के साथ रो पड़े भगवान इंद्र भी

मुंगेर। सात वर्ष के मासूम आयुष को यह अहसास ही नहीं था कि उसके पिता अब नहीं रहे। मुखाग्नि की रस्म अदा करते वक्त वह फूट-फूट कर रो पड़ा, पापा-पापा..। यह मार्मिक दृश्य देखकर वहां मौजूद हर लोगों का कलेजा फटा जा रहा था। आसमान शहीद राजेश अमर रहे के नारों से गूंज रहा था। हर कोई रो-रहा था, राजेश के शहीद होने के गम में भगवान इंद्र भी (पूरे दिन बारिश) रो पड़े। सुबह से ही भगवान इंद्र बूंद-बूंद बरस रहे थे। योगनगरी अपने लाडले राजेश को अंतिम विदाई दे रहा था। सबकी आंखों में आंसू थे, सिर गर्व से ऊंचा था कि बेटे ने मातृभूमि की रक्षा करते करते अपने प्राण न्योछावर कर दिए। लाल दरवाजा स्थित गंगा घाट का वह मार्मिक पल सभी के जेहन में ता उम्र रहेगा। सैन्य सम्मान में पहुंचे जवानों की आंखें भी नम थी। युवा तिरंगे के साथ नारे जरूर लगाए, पर सभी का ह्दय विचलित था। पिता लाल बहादुर राय को अपने बेटे का बिछड़ना काफी गम दे गया, उन्हें तसल्ली इस बात की थी उनका लाडला देश के काम आया। हर किसी के जुबां पर शहीद राजेश राय का नाम और उनकी वीरता का चर्चा रहा।

loksabha election banner

फूट-फूटकर रोए घर वाले

डिप्टी कमांडेंट का पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया गया। गुरुवार को जब शव लाल दरवाजा घर से गंगा घाट के लिए निकलने लगा तो पिता लाल बहादुर राय, बहन, भाई और पूरा परिवार फूट-फूट खूब रोए। वहां पर मौजूद लोगों की भीड़ ने जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक तेरा नाम रहेगा के नारे लगाने शुरू कर दिए। तिरंगे में राजेश राय के पार्थिव शरीर को लिपटा देखकर हर किसी का कलेजा पसीज गया।

तुम मुझे छोड़कर कहां चले गए शहीद हुए पति का पार्थिव शरीर को देखकर पत्नी रूबी कुमारी खुद को संभाल नहीं सकी और रोते-रोते बेहाल हो गईं। बाद में परिवार के लोगों ने उन्हें संभाला। तब जाकर वह संभली। रूबी पति के पार्थिव शरीर से बस बार-बार ये ही सवाल पूछ रही थीं कि, तुम मुझे छोड़कर कहां चले गए। शहीद के पैतृक घर लाल दरवाजा व ससुराल के लोग भी थे। शहीद की बहन गुड्यिा अपने लाडले भाई के लिए बार-बार फफक-फफक कर रो रही थी।

व्यर्थ नहीं जाएगी राजेश की शहादत

उप मुख्यमंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की शहादत पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुंगेर के लाल ने कई महत्वपूर्ण पुलिस अभियानों का नेतृत्व किया। नक्सली हमले पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवादियों का यह कायराना हमला है। शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। सरकार उग्रवादियों से सख्ती से निपटेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.