दो घंटे में ही ध्वस्त हो गया 156 वर्ष पुराना पश्चिमी केबिन, अब नहीं होगी मानवीय भूल
मुंगेर। जमालपुर रेलवे स्टेशन के 156 वर्ष पुराने पश्चिमी केबिन को दो घंटे में ही ध्वस्त कर ि
मुंगेर। जमालपुर रेलवे स्टेशन के 156 वर्ष पुराने पश्चिमी केबिन को दो घंटे में ही ध्वस्त कर दिया गया। वरीय अनुभाग अभियंता (निर्माण) निरंजन कुमार की देखरेख में गुरुवार की संध्या पांच बजे से ही पोकलेन द्वारा पश्चिमी केबिन को डिमोलिश करने की प्रक्रिया शुरू की गई। 2 घंटे में ही केबिन को ध्वस्त करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। इसके बाद बीआरएन (मालगाड़ी खुला नुमा की चार बोगी) से मलबे हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया। भारतीय रेल के इतने बड़े प्रोजेक्ट जमालपुर में निर्माणाधीन होने के कारण रेल नगरी के लोगों के बीच भी गुरुवार से शुरू हुए नन इंटरलॉ¨कग कार्य को देखने एवं जानने की जिज्ञासा और उत्सुकता काफी बढ़ी हुई थी। नन इंटरलॉ¨कग के काम को देखने के लिए दिन भर लोगों का तांता लगा रहा। बैलून लाइट का किया गया प्रयोग
गुरुवार की देर रात्रि एनआई कार्य के तहत ध्वस्त किए गए पश्चिमी केबीन के मलबे को हटाने के दौरान आवश्यकता अनुसार रोशनी की उपलब्धता के लिए बैलून लाइट का प्रयोग किया गया, जो सामान्य रूप से (एआरटी) एक्सीडेंटल रिलीफ ट्रेन का एक पार्ट है और दुर्घटनास्थल पर अंधेरा होने पर इसका उपयोग किया जाता है।
दो बटन से जुड़ जाएगा रेलवे ट्रैक
10 दिनों तक चलने वाले नन इंटरलॉ¨कग कार्य के समापन के बाद जमालपुर रेलवे स्टेशन पर नई पद्धति से ट्रैक एवं सिग्नल का कार्य आरंभ हो जाएगा। इस रूट रिले इंटरलॉ¨कग सिस्टम के काम आरंभ होने के बाद दो बटन के सहारे रेल परिचालन को नियंत्रित और सुचारू किया जा सकेगा। ट्रेन का ट्रैक बदलने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा।
मानवीय भूल की नहीं होगी संभावना
जमालपुर में निर्माणाधीन सेंट्रलाइज्ड रूट रिले सिस्टम के काम शुरू करने के बाद दुर्घटना की संभावना काफी कम हो जाएगी। क्योंकि आरआरआई में गलत बटन दबाने पर वह काम नहीं करता है और इस प्रणाली के अनुसार मानवीय भूल की कोई गुंजाइश नहीं होगी।
आउटर सिग्नल पर ट्रेन रुकने की शिकायत से मिलेगी निजात
पूर्व रेलवे के मालदा डिवीजन अंतर्गत पूर्व में निर्माणाधीन जमालपुर में पहला सेंट्रलाइज्ड रूट रिले सिस्टम आरंभ होने से जमालपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म ट्रेन आने के पूर्व आउटर पर खड़ी होने की समस्या से अब रेल यात्रियों को निजात मिल जाएगा, क्योंकि रूट रिले इंटरलॉ¨कग सिस्टम के तहत ट्रेन बिना आउटर पर रुके स्वचलित प्रक्रिया के तहत प्लेटफार्म पर पहुंचेगी।
विलंब की समस्या से भी मिलेगा राहत
एक करोड़ बीस लाख रुपये की लागत से जमालपुर में निर्माणाधीन सेंट्रलाइज्ड रूट रिले सिस्टम संभावित 29 सितंबर से कार्य आरंभ कर देगा। इस रूट रिले इंटरलॉ¨कग प्रणाली के कार्य आरंभ करते ही बिना आउटर पर ट्रेन रुके प्लेटफॉर्म पर आ जाएगी और इस तरह रेल यात्रियों के समय की बर्बादी भी नहीं होगी। इसके साथ ही ट्रेन के समय से परिचालन हो सकेगा।
रेल मुख्यालय के म्यूजियम की शोभा बढ़ाएगा पश्चिमी केबिन का ईट
नन इंटरलॉ¨कग कार्य का जायजा लेने अपने दो दिवसीय दौरे पर जमालपुर पहुंची मंडल रेल प्रबंधक तनु चंद्रा ने शुक्रवार की सुबह रवाना होने के पूर्व रेलवे स्टेशन के ध्वस्त किए गए पश्चिमी केबिन का निरीक्षण किया। इस दौरान डीआरएम ने मलबे से इंडियन रेलवे लिखे दो ईंट को अपने साथ ले गई। डीआरएम ने ईंट को कोलकाता स्थित म्यूजियम में ईंट को रखने की बात कही। वहीं, स्थानीय रेलवे कर्मियों ने बताया कि अंग्रेजों ने वेस्ट केबिन के निर्माण के लिए ईंट का निर्माण कराया था। जिस पर इआइआर लिखा हुआ है।
पाइपलाइन को भी किया जा रहा है दुरुस्त
रेल कर्मियों को पेयजल आपूर्ति कराने के लिए ईस्ट कॉलोनी स्थित बड़े टैंक से पाइपलाइन को निकाल कर दौलतपुर व रामपुर कॉलोनी की ओर ले जाया गया है। इस पाइपलाइन को जमालपुर स्टेशन के प्लेटफार्म के पूर्वी छोर के समीप से अंडर ग्राउंड माध्यम से ले जाया गया है। पाइपलाइन में छेद व रिसाव की शिकायत मिलने के बाद आईओडब्ल्यू उपेंद्र कुमार की देखरेख में पाइप लाइन की मरम्मत का कार्य दर्जनों मजदूर के द्वारा युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है।
फॉल्स सी¨लग को भी बदल दिया जाएगा
जमालपुर रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर पोर्टिको के समीप विगत महीने अचानक फॉल्स सी¨लग गिरने से बड़ा हादसा होते-होते टल गया था और यह सी¨लग काफी हद तक क्षतिग्रस्त भी हो चुका था। स्टेशन परिसर के निरीक्षण के बाद मंडल रेल प्रबंधक के निर्देश पर पोर्टिको स्थित जिप्सम से निर्मित फॉल्स सी¨लग को का कार्य भी शुक्रवार से आरंभ कर दिया गया है।