दो नहीं तीन मामलों की जांच कर रही है सीआइडी
मुंगेर। 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन मेले के दौरान फायरिग में एक श्रद्धालु अनुराग कुमार
मुंगेर। 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन मेले के दौरान फायरिग में एक श्रद्धालु अनुराग कुमार की घटनास्थल पर मौत हो गई। वहीं, कई श्रद्धालु गोली लगने से जख्मी हो गए थे। जिसे लेकर तत्कालीन मुफस्सिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार के बयान पर कोतवाली कांड संख्या 298/20 दर्ज की गई, जिसमें उन्होंने उग्र भीड़ द्वारा जान मारने की नीयत से पुलिस पर गोली चलाने, आपसी गोलीबारी में कई लोगों के जख्मी होने एवं एक युवक अनुराग की मौत की बात कहीं गई है। उन्होंने इस मामला में गोली से जख्मी सहित 32 लोगों को नामजद आरोपित बनाया है। साथ ही साथ अज्ञात व्यक्ति की संख्या तीन सौ बताई गई है । जिसमें उन्होंने गोली से जख्मी किशोर सुमित को भी नामजद आरोपित बनाया है। जिसे मुंगेर सदर अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए मायागंज भागलपुर भेजा गया था । जहां काफी दिनों तक उसका इलाज चला और 19 दिसंबर 20 को डिस्चार्ज हुआ। सुमित के पेट , छाती एवं पंजारा में गोली लगी थी। इसको लेकर सुमित की मां ने एसपी लिपि सिंह सहित कई पुलिस पदाधिकारी के विरूद्ध न्यायालय में नालसी वाद दायर किया था।
कोतवाली कांड संख्या 311/20 : श्रद्धालु अनुराग कुमार के पोस्टमार्टम के बाद शव लेने के दौरान 27 अक्टूबर 20 को पुलिस ने एक लिखित आवेदन पर मृतक अनुराग कुमार के पिता अमरनाथ पोद्दार से हस्ताक्षर लिया । बाद में उक्त आवेदन पर तत्कालीन कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने अंकित किया कि पूर्व में अनुराग हत्या से संबंधित कोतवाली थाना कांड 298 /20 दर्ज हो चुकी है। अत: आवेदन को सनहा पंजी मे दर्ज किया जाए। वहीं, मृतक अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार ने तत्कालीन वासुदेवपुर ओपीध्यक्ष सुशील कुमार द्वारा गोली मारकर पुत्र अनुराग की हत्या मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए एक नवंबर 20 को एसपी एवं डीआइजी को आवेदन दिया था । जिसके बाद कोतवाली थानाध्यक्ष ने पुलिस द्वारा लिखित आवेदन ( 27 अक्टूबर 2020 ) को प्राथमिकी का आधार बनाकर कोतवाली कांड संख्या 311/20 भादवि की धारा 302 एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध में दर्ज किया । हाईकोर्ट मे मामले जाने के बाद सीआईडी के विशेष अनुसंधान टीम ने इस मामले में पुअनि सुशील कुमार को कांड का अप्राथमिक अभियुक्त मान कर जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित सुमित की मां ने दायर किया था नालसी वाद भागलपुर से इलाज कराने के बाद नाबालिग सुमित 19 नवंबर 20 को अपने घर महुली वापस लौटा। फिर पीड़ित के गरीब मां एवं पिता ने दोषी पुलिस पदाधिकारी एवं तत्कालीन एसपी लिपि सिंह के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए मुफस्सिल थाना एवं कोतवाली थाना में कई चक्कर लगाया, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। थक -हारकर पीड़ित सुमित की मां संगीत देवी ने दिनांक 3 दिसंबर 20 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में नालसी वाद संख्या 874 सी 2020 दायर की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाई कि मैं, मेरा पति मनोहर तांती, मेरा पुत्र सुमित एवं मेरा भाई अशोक पासवान सभी मिलकर दीनदयाल चौक पर दुर्गा प्रतिमा विर्सजन मेला देख रहे था । इसी दौरान एसपी लिपि सिंह के आदेश पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया। फिर एसपी लिपि सिंह के निजी सुरक्षा गार्ड कृष्णा कुमार, मुफस्सिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार, वासुदेव ओपी अध्यक्ष सुशील कुमार व अन्य ने भीड़ पर फायर की । इस फायरिग में मेरे नाबालिग पुत्र सुमित कुमार के साथ कई व्यक्ति जख्मी हो गए तथा एक युवक की सर में गोली लगने से उसकी घटना स्थल पर मौत हो गई। उत्पाद केस में पीड़ित को भेजा गया न्यायिक हिरासत में गोलीबारी में जख्मी हुआ नाबालिग बालक इलाज के बाद अपने नानी घर फौजदारी बाजार कासिम बाजार पहुंचा । स्वजनों का आरोप है कि यह सूचना मिलने के बाद पुलिस 11 दिसंबर 2020 को फौजदारी बाजार पहुंची और बालक को बयान देने के लिए अपने साथ ले गई। दूसरी ओर उसी दिन जमालपुर थाना के पुलिस आरक्षी निरीक्षक प्रेमचंद नायक ने जमालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी कांड संख्या 141/20 में बताया कि गश्ती के दौरान पंचमुखी हुनमान मंदिर ,रामपुर कॉलोनी के पास देखा कि मोटरसाइकिल सवाल दो युवक पुलिस की गाड़ी देख कर भागने लगे। जिसमें एक युवक भागने मे सफल रहा। इस दौरान भाग रहे एक नाबालिग को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस गिरफ्त में आए नाबालिग ने भगने वाले युवक का नाम अशोक पासवान एवं घर फौजदारी बाजार , कासिम बाजार थाना बताया । तलाशी के दौरान पुलिस ने चार थौले में 4-4 लीटर कुल 16 लीटर महुआ शराब बरामद किया। इसके बाद पकड़े गए नाबालिग को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में बाल सुधार गृह भेज दिया। गौरतलब हो कि भागने वाला युवक नाबालिग का मामा अशोक पासवान है, जो नालसी वाद संख्या 874/सी 20 में चश्मदीद गवाह है।
हाईकोर्ट में गया मामला एसआइटी टीम गठित होने के बाद भी मुंगेर पुलिस की ढुलमुल रवैया से नाराज मृतक अनुराग के पिता ने सीबीआइ से निष्पक्ष जांच करने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई। दर्ज कोतवाली कांड 311/20 में उन्होंने बताया कि कई माह बाद भी पुलिस ने दोषी पुलिस पदाधिकारी सुशील कुमार के विरूद्ध मुकदमा दर्ज नहीं की। वहीं, पुलिस साक्ष्य एवं साक्षियों को प्रभावित कर रही है। साथ ही साथ गवाहों पर अनावश्यक दबाव बनने के लिए जख्मी व पीड़ित बालक एवं गवाह को झूठे मुकदमा में फंसा रही है।
तीन मुकदमा की जांच का जिम्मा सीआइडी को हाईकोर्ट द्वारा मामले में संज्ञान लेने के बाद सरकार की नींद टूटी । फिर आनन -फनान में सरकार ने मुंगेर गोली कांड से जुड़े दो मामले कोतवाली कांड संख्या 298/20 एवं 311/20 के अनुसंधान का जिम्मा अपराध अनुसंधान विभाग ( सीआइडी) को सौंप दिया। जिसके बाद 2 मार्च 21 को पांच सदस्यों विशेष अनुसंधान जांच टीम की गठन हुई । जो दोनों मामलों की अनुसंधान कर रही थी। फिर 21 मार्च 2121 को अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था अमित कुमार ने विशेष अनुसंधान टीम , सीआईडी को जमालपुर थाना कांड संख्या 141/20 का भी अनुसंधान करने के निर्देश दिए। ऐसे में अब सीआइडी की टीम शराब बरामदगी मामले की भी जांच करेगी।