Bihar Weather: 40 के पार पहुंचा बिहार का पारा, जीना हुआ मुहाल; प्राकृतिक फ्रिज की बढ़ी मांग
अप्रैल के तीसरे सप्ताह में गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। एक सप्ताह से जिले का अधिकतम तापमान 39 से 41 डिग्री तक पहुंच रहा है। बुधवार को तापमान 42 डिग्री रहेगा। गर्मी का बढ़ते ही प्राकृतिक फ्रिज (घड़ा-सुराही) की डिमांड बढ़ गई है। शहर के कई स्थानों पर मिट्टी से बने सुराही और घड़ा बिक रहा है।
संवाद सहयोगी, मुंगेर। प्रचंड गर्मी में कुंभकारों द्वारा तैयार कई किस्म के घड़े बाजार में बेचे जा रहे हैं। मांग के बढ़ने के साथ-साथ इनकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य के लिए घड़ा का पानी बेहतर है।
शहर के शीतला मंदिर के समीप, पूरबसराय और कौड़ा मैदान आदि स्थानों पर मिट्टी का घड़ा बिक रहा है। चिकित्सक के अनुसार मिट्टी के घड़े का पानी फ्रिज और वाटर कूलर मशीन से ज्यादा बेहतर है। बाजार में एक घड़े की कीमत 80 से 150 रुपये है। सुराही का भी काफी चलन है। नल लगे मटके व सुराही लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
गर्मी का मौसम शुरू होते ही आम आदमी को गर्मी से निजात पाने के लिए ठंडे पानी की आवश्यकता महसूस होने लगी है। गर्मी के दिनों में काफी लोग फ्रिज का पानी पीने की बजाए मटके के पानी से गला तर करना ज्यादा पसंद करते हैं और मिट्टी के घड़े का सोंधापन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
दुकानदार मो. इकराम ने बताया गंगा की मिट्टी से बने घड़े और सुराही का पानी काफी ठंडा होता है। इस बार मटकों और सुराही की कीमत 80 रुपये से डेढ़ सौ रुपये तक है।
गिर रहा जलस्तर, बढ़ेगी परेशानी
तापमान बढ़ते ही जिले में भू-गर्भीय जलस्तर तेजी से नीचे गिरने लगा है। इसके कारण लोगों के सामने पीने के पानी की समस्या उत्पन्न होने लगी है। यह समस्या धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रही है।
लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकने लगे हैं। एक-एक कर चापानल, कुंआ, तालाब आदि भी सूखने लगे हैं। बावजूद इसके इस समस्या के समाधान की दिशा में अबतक ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह समस्या ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सता रही है।
वैसे तो मार्च से ही जलस्तर में गिरावट आना शुरू हो गया, पर अप्रैल माह के मध्य आते-आते यह समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है।
ऐसे में जब गर्मी में पानी की आवश्यकता अधिक होगी तो इसका और अधिक दोहन होगा। ऐसे में भू-गर्भीय जलस्तर और नीचे गिरता चला जाएगा।
लू से बचने को गमछा का सहारा
दोपहर में चलने वाली लू से बचने के लिए लोग तरह-तरह की तरकीब अपना रहे हैं। इस क्रम में जहां लोग धूप व लू से बचने के लिए अपने चेहरे को गमछे से ढ़क रहे हैं तो कुछ लोग छाता लेकर बाजार आ रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर लोग गर्मी से बचने के लिए आम के शरबत, गन्ने का जूस तथा सत्तूु आदि का सेवन कर रहे हैं।
जरूरी हो तभी घर से निकलें बाहर
सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि बहुत जरूरी हो तभी लोग घर से बाहर निकलें। बढ़ती गर्मी में कुछ लोग अधिक मात्रा में ठंडा पानी पी लेते हैं, यह सेहत के लिए ठीक नहीं है।
ठंडा पानी पीकर धूप में जाने से जुखाम व बुखार हो सकता है। इसलिए ज्यादा ठंडे पानी से परहेज ही करें। घर से बाहर जाते समय छाता का प्रयोग करें।
सदर अस्पताल में 10 बेड का स्पेशल हीट वेव वार्ड बनाया गया है। स्थिति गंभीर होने पर फौरन सदर अस्पताल पहुंचे।
पानी और जूस का सेवन करें
गीतार्जुन हेल्थ केयर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिजीत ने कहा कि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के अधिक होने पर हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. अभिजीत के मुताबिक, शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए कई बार लोग पपीता, तरबूज आदि खाते हैं। यदि फल पहले से कटे हुए हों तो इसे खाने से लाभ कम हानी अधिक पहुंचने की संभावना होती है।
डॉ. अभिजीत ने सलाह दी कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी और जूस पीएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें। धूप से बच्चों को बचाएं। बिना वजह के घर से बाहर नहीं निकलने दें। तेज धूप में बाहर नहीं निकलें।
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