15 माह बाद फिर पहुंची अनुसंधान की टीम, अनुराग हत्याकांड की जांच
संवाद सहयोगी, मुंगेर : 2020 में दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा के दिन हुए गोलीकांड में अनुराग पोद्दार की
संवाद सहयोगी, मुंगेर : 2020 में दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा के दिन हुए गोलीकांड में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी। मामले की जांच करने के लिए मंगलवार को लगभग 15 माह बाद फिर से एफएसएल और सीआइडी की टीम पहुंची है। सीआइडी डीएसपी आलोक कुमार, एसडीपीओ नंदजी प्रसाद, दिलीप कुमार, नयन ओझा, मुस्ताक अहमद, कोतवाली थानाध्यक्ष नीरज कुमार, कासिम बाजार थानाध्यक्ष धर्मेद्र कुमार, एससीएसटी थानाध्यक्ष, पूरवसराय ओपी अध्यक्ष राजीव कुमार सुरक्षा की ²ष्टिकोण से घटनास्थल दीनदयाल चौक और आसपास का घंटों तक मुआयना करते रहे। टीम ने पूरे क्षेत्र को डिजिटिल कैमरे से कैद किया। इससे पहले 12 अप्रैल 2021 को एफएसएल जांच टीम ने अनुराग पोद्दार का जहां शव था, वहां की मिट्टी को जांच के लिए साथ ले गए थे। गोली बारी में जख्मी कई लोगों निश्चित घटना स्थल पर कई लोगों को खड़ा कर फोटो ली गई थी। घटनास्थल की दूरी की मापी हुई थी। मंगलवार को एफएसएल की जांच टीम ने एक विशेष मूविग डिजिटल कैमरे से घटना से संबधित 13 बिदुओं से साक्ष्य एकत्रित किया।
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दीनदयाल चौक और गांधी के बीच चली थी गोलियां
पुलिस और सीआइडी की विशेष टीम की ओर से दीनदयाल उपाध्याय चौक पर चली गोलीबारी को प्रथम घटना मान रहे थे, लेकिन गोलीबारी की शुरुआत दीनदयाल और गांधी चौक स्थित एक किराना दुकान के पास हुई थी। एक नाबालिग युवक को जांघ मे गोली लगी थी। बड़ी दुर्गा मां की प्रतिमा विसर्जन को लेकर पुलिस और सीआइएसफ जवानों के बीच विवाद हुआ। इस बीच गोलियां चली। गोलीबारी में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई। कुछ लोग घायल हुए थे।
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प्रभार मिलते ही पहुंचे नए डीएसपी
इस मामले में अनुसंधानकर्ता सीआइडी के डीएसपी के बदल जाने के बाद नए डीएसपी आलोक कुमार ने शुरुआती गोलीबारी के स्थल का निरीक्षण किया और अपने टीम को जख्मी नाबालिग युवक को चिहित करने का निर्देश दिया। दूसरी तरफ वायरल फोटो, वीडियो और कंटेंट की भी पड़ताल सीआइडी की टीम ने की। -------------------------------
क्या है पूरा प्रकरण
मामला 26 अक्टूबर 2020 की रात की है। दुर्गापूजा के दौरान मुंगेर में जमकर हिसा हुई। इस हिसा में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई। अनुराग की मौत के बाद उनकी मां की तस्वीरें को इंटरनेट मीडिया पर वायरल की गई। तस्वीरों में अपने बेटे के शव को लिए हुए महिला की चित्कार बयां हो रही थी। मामले ने देशभर में तूल पकड़ लिया। सुर्खियों में कई दिनों तक मामला छाया रहा। मुंगेर पुलिस पर संगीन आरोप लगे, तो वहीं पुलिस का कहना हुआ कि भीड़ में शामिल असमाजिक तत्वों ने घटना को अंजाम दिया है। पूरे मामले में पोद्दार के स्वजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा मिला है।
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छह घंटे नहीं चले वाहन
अनुराग हत्याकांड के अनुसंधान को लेकर गांधी चौक से लेकर दीनदयाल चौक तक सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक आम लोग व वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह रोक रहा। इस मार्ग पर आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा। अधिवक्ता ओम प्रकाश पोद्दार ने कहा घटना के 15 माह बाद भी नामजद आरोपित वासदेवपुर ओपी अध्यक्ष सुशील कुमार की अबतक गिरफ्तारी न होना हास्यपद है। साथ ही अलावा दुर्गा प्रतिमा गोलीकांड में नामजद आरोपितों की की भी गिरफ्तारी नही हुई है।