बकाया संग दोबारा काम मिलने का भरोसा लिए मजदूर फिर चले परदेश
मधुबनी। काम बंद होने के कारण कुछ दिन पहले ही दूसरे राज्यों से लौटकर घर आए थे। यहां मनचाहा काम नहीं मिला तो प्रवासी फिर वापसी की राह तलाशने लगे।
मधुबनी। काम बंद होने के कारण कुछ दिन पहले ही दूसरे राज्यों से लौटकर घर आए थे। यहां मनचाहा काम नहीं मिला तो प्रवासी फिर वापसी की राह तलाशने लगे। मगर, काम नहीं मिलने का अंदेशा उन्हें रोके रखा। अब जबकि बकाया के साथ काम मिलने का भरोसा दिया गया तो मजदूरों के परदेश जाने का सिलसिला तेज हो गया। जयगनर से अमृतसर के लिए प्रतिदिन खुलने वाली ट्रेन से सैकड़ों मजदूर बाहर जाने लगे हैं।
बासोपट्टी घोरबंकी के जगदेव सहनी, उमेश सहनी, विलास सहनी, इंदल सहनी ने बताया कि वे हरियाणा में जिस कंपनी में काम करते थे, कोरोना संकट में बकाया वेतन छोड़कर घर आ गए। कंपनी के मालिक से संपर्क किया तो काम पर आ जाने का अनुरोध किया। इसलिए फिर सभी जा रहे हैं। बातचीत के क्रम में बताया कि यहां कोई रोजगार भी तो नहीं है। बाहर जाने के सिवा कोई चारा भी तो नहीं। कई लोग पंजाब धनरोपनी के लिए भी रवाना हो रहे हैं। धनरोपनी के लिए जाने वाले मजदूरों के जत्था के मेट (मुख्य व्यक्ति) से पंजाब के किसान संपर्क स्थापित कर रहे हैं। यही कारण है कि जयनगर से अमृतसर जाने वाली विशेष ट्रेन में सामान्य बोगी की टिकटें 24 जून तक के लिए बुक हो चुकी हैं। वहीं स्लीपर क्लास के टिकट आगामी एक जुलाई तक के लिए बुक हो चुके हैं।
72 यात्री गुरुवार को रवाना हुए गुरुवार को दूसरे दिन विशेष ट्रेन से जयनगर से 72 यात्री रवाना हुए। सामान्य बोगी के 36 यात्री यहां से विशेष ट्रेन में प्रस्थान किए। शयनयान श्रेणी के 25 यात्री रवाना हुए। विशेष ट्रेन के एसी बोगी में 11 यात्री जयनगर में चढ़े। आरक्षण काउंटर पर फिजिकल डिस्टेंसिग का अनुपालन नहीं
जयनगर रेलवे स्टेशन के आरक्षण काउंटर पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होने से अफरातफरी का माहौल रहता है। लोगों के बीच धक्कामुक्की की स्थिति बनी रहती है। आरपीएफ और जीआरपी के नुमाइंदे लोगों के बीच फिजिकल डिस्टेंसिग का भी अनुपालन कराने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं।