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मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 22 स्थानों की पहचान : डीएम

मधुबनी । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 11:54 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 11:54 PM (IST)
मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 22 स्थानों की पहचान : डीएम
मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 22 स्थानों की पहचान : डीएम

मधुबनी । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से की। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय आनलाइन समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष से शामिल हुए। जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ व सुखाड़ के मद्देनजर जिले की तैयारियों की जानकारी मुख्यमंत्री से साझा की। बाढ़ राहत सामग्रियों के दर निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ता के चयन के बारे में कहा कि निविदा दाताओं का चयन कर लिया गया है। आपूर्ति से संबंधित दर का निर्धारण कार्य भी पूरा कर लिया गया है। जिले में संभावित बाढ़ के ²ष्टिकोण से सरकारी नावों की मरम्मत कर ली गई है। निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। अनुग्रहिक राहत के भुगतान के लिए परिवारों के आधार सीडिग को अद्यतन करने का काम भी पूरा कर लिया गया है। जिले में बाढ़ आश्रय स्थल की पहचान कर वहां सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 22 स्थानों की पहचान हुई है, जिसमें 24,950 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है। साधारण बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 218 शिविरों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 86,867 लोग आश्रय ले सकते हैं। कोविड बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 28 शिविरों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 13,985 लोग ठहर सकते हैं। इन सब के लिए सामुदायिक रसोई के लिए 220 स्थानों को भी चिन्हित किया गया है। जिसमें रोजाना कुल 75,513 लोग भोजन प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं, गत वर्ष में चिन्हित आश्रय स्थलों का भौतिक सत्यापन भी किया गया है और उन जगहों पर पेयजल एवं शौचालय के इंतजाम का काम जारी है।

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आठ में दो आश्रय स्थल का निर्माण पूरा, शेष प्रक्रियाधीन : जिला आपातकालीन संचालन केंद्र दिन-रात कार्यरत है। मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि से निर्मित किए जा रहे बाढ़ आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गई है। कुल आठ बाढ़ आश्रय स्थलों में से दो स्थलों पर निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, शेष स्थलों पर निर्माण प्रक्रियाधीन है। जिले में एसडीआरएफ के लिए आवासन एवं आपदा की स्थिति में रिस्पांस टीमों के प्रशिक्षण के लिए डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रिस्पांस फैसिलिटी सह ट्रेनिग सेंटर के लिए एक एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है। आपदा की घड़ी में मानव स्वास्थ्य के देखभाल के लिए मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं जीवन रक्षक दवाओं, हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिग पाउडर, डीटीटी आदि अधिकांश दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। अन्य सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता समय से सुनिश्चित कर ली जाएगी। जिले में पेयजल आपूर्ति के मद्देनजर कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल मधुबनी के द्वारा कुल 1,450 एवं लोक स्वास्थ्य प्रमंडल झंझारपुर के द्वारा 1,634 अर्थात कुल 3,084 चापाकल की मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में कुल सात मरम्मत दल भी कार्यरत है। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा विभागीय निर्देश के आलोक में प्रभावित कृषकों को कृषि इनपुट सब्सिडी का भुगतान कर दिया गया है।

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तटबंध सुरक्षा की 21 योजनाओं पर चल रहा काम, चार पूरे : तटबंधों की सुरक्षा के लिए कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल झंझारपुर एक एवं दो के द्वारा कुल 21 योजनाओं पर कार्य किया जाना था। जिनमें से चार योजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिले में संभावित सूखे से निपटने के लिए धान के बिचड़े का आच्छादन, धान की रोपनी एवं सुखाड़ की स्थिति में वैकल्पिक फसल जैसे अरहर, तुरिया, उड़द, कुर्थी के फसल लगाने के लिए आकस्मिक फसल योजना तैयार कर ली गई है। बीज की आवश्यकता का आकलन कर कृषि विभाग को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। बैठक में अपर समाहर्ता अवधेश राम, प्रभारी पदाधिकारी-आपदा प्रबंधन शाखा सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी परिमल कुमार भी उपस्थित थे।


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