चंद घंटे की बारिश में तैरने लगता शहर, फिर शुरू होता बंदरबांट का खेल
मानसून की चंद घंटे की बारिश में शहर तैरने लगता है। फिर आनन-फानन में केनालों की सफाई के साथ शुरू हो जाता है राशि बंदरबांट का खेल। सफाई के नाम पर लाखों के बिल तैयार किए जाते हैं। हर साल यही खेल चलता है मगर कभी भी मानसून से पहले निगम को नालों की सफाई की याद नहीं आती। वाट्सन किग्स व राज केनाल के अलावा शहर के कई नाले एक दशक से जाम पड़े हैं। कई नाले ऐसे हैं जो निर्माण के साथ ही ध्वस्त हो गए हैं।
मधुबनी । मानसून की चंद घंटे की बारिश में शहर तैरने लगता है। फिर आनन-फानन में केनालों की सफाई के साथ शुरू हो जाता है राशि बंदरबांट का खेल। सफाई के नाम पर लाखों के बिल तैयार किए जाते हैं। हर साल यही खेल चलता है, मगर कभी भी मानसून से पहले निगम को नालों की सफाई की याद नहीं आती। वाट्सन, किग्स व राज केनाल के अलावा शहर के कई नाले एक दशक से जाम पड़े हैं। कई नाले ऐसे हैं जो निर्माण के साथ ही ध्वस्त हो गए हैं। कुछ का निर्माण अधूरा पड़ा है। नालों की सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये हजम कर लिए जाते हैं, लेकिन हर साल जलजमाव की समस्या भी भयावह होती जा रही है। स्टार्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट की गति धीमी रहने से इस वर्ष भी शहर को जलजमाव झेलना पड़ सकता है। स्टार्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के तहत शहर से सटे भच्छी एवं थाना चौक से कोतवाली चौक तक केनाल निर्माण की गति बेहद धीमी है। वहीं शहर के स्टेडियम चौक से सूडी स्कूल चौक तक 1690 मीटर की दूरी में केनाल निर्माण कार्य अभी शुरू भी नहीं हुआ है। 25 हजार आबादी प्रभावित :
जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से वार्ड 19, 20 व 21 के करीब 25 हजार लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर होते हैं। अस्पताल रोड पर जलजमाव की समस्या बनी रहती है। जलधारी चौक से संस्कृत उच्च विद्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर जलजमाव से करीब दो माह तक लोगों का आवगमन अवरुद्ध हो जाता है। वाट्सन स्कूल से रेडक्रास रोड जाने वाली सड़क पर हल्की बारिश में भी जलजमाव की गंभीर समस्या बनी रहती है। बरसात में झेलनी पड़ती फजीहत :
इन वार्डो का अधिकांश नाला जाम पड़ा है। जबकि बगैर नाले वाले हिस्सों में लोगों के घरों का पानी सड़कों पर बहता है। वार्ड 21 के निवर्तमान पार्षद मनीष कुमार सिंह कहते हैं, बारिश के दिनों में जलधारी चौक, रेडक्रास रोड व तिरहुत कालोनी में जलजमाव की समस्या बनी रहती है। वहीं समाजसेवी उमेश सिंह कहते हैं, क्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए जलजमाव की समस्या को दूर करना जरूरी है। जाम पड़े नालों की सफाई नहीं हो रही है। नाला विहीन मोहल्लेवासियों को बारिश में फजीहत झेलनी पड़ती है। नगर निगम के सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि हाल ही में सफाई एजेंसी को शहर के सभी नालियों की सफाई का आदेश दिया गया था। मगर सफाई कार्य ठप होने के कारण फिलहाल यह काम रुक गया है।
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