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मिथिलांचल विद्वानों का गढ़, सरिसब पाही का नाम सबसे ऊपर

मधुबनी। शुक्रवार की देर शाम सरिसब पाही स्थित प्लसटू लक्ष्मीश्वर एकेडमी हाई स्कूल मैदान में नवयुवक मां काली पूजा समिति के तत्वावधान में एवं जिप सदस्य रमणजी चौधरी की अध्यक्षता में मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह और अयाची महोत्सव का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 10:39 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 10:39 PM (IST)
मिथिलांचल विद्वानों का गढ़, सरिसब पाही का नाम सबसे ऊपर
मिथिलांचल विद्वानों का गढ़, सरिसब पाही का नाम सबसे ऊपर

मधुबनी। शुक्रवार की देर शाम सरिसब पाही स्थित प्लसटू लक्ष्मीश्वर एकेडमी हाई स्कूल मैदान में नवयुवक मां काली पूजा समिति के तत्वावधान में एवं जिप सदस्य रमणजी चौधरी की अध्यक्षता में मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह और अयाची महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ,विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ , बैद्यनाथ चौधरी बैजु , पं. कमलाकांत झा , सरपंच संतोष झा व पूर्व मुखिया नागेश्वर झा समेत अन्य अतिथियों ने सम्मिलित रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया। तदुपरांत अतिथियों ने पं.अयाची मिश्र , कवि कोकिल विद्यापति व वाचस्पति के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। आयोजक मंडल की ओर से आगत अतिथियों का पाग दोपटा व पुष्प मामला से स्वागत सम्मान किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा की मिथिलांचल विद्वानों का गढ़ है जिसमें सरिसब पाही का नाम सबसे ऊपर आता है। सरिसब पाही मिथिलांचल में ही नहीं पूरे विश्व पटल पर अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसका इतिहास जितना गौरवशाली रहा है भविष्य उतना ही उज्वल है। उन्होंने कहा की मिथिला और मैथिली के विकास के लिए जरूरी है कि हम सब अपने परिवार व बच्चों को अपनी सांस्कृतिक इतिहास से अवगत कराएं। अपने पूर्वजों के कृतियों के बारें में उन्हें बताएं। हमें उस वक्त बहुत पीड़ा होती है जब हम सुपौल ,सहरसा में मैथिली सुनते हैं परन्तु दरभंगा - मधुबनी शहर में हिन्दी सुनने को मिलती है। घर घर लोग बच्चों से हिन्दी में बात करने लगे हैं। ऐसे में मैथिली व मिथिला का संवर्धन व संरक्ष्रण सोचनीय हो जाती है । जबकी मैथिली भाषा को संवैधानिक रूप से अष्टम सूची में स्थान मिला है। ऐसे में हमें अपने बोलचाल कामकाज व सरकारी दफ्तरों में भी मैथिली भाषा को उपयोग में रखना चाहिए । बैद्यनाथ झा बैजू व पं. कमलाकांत झा ने मैथिली व मिथिला के विकास के लिए सरकार से अपिल किया की वे शिक्षा का माध्य मैथिली करें व प्राथमिक स्तर से ही इसकी पढ़ाई की व्यवस्था करें। उन्होंने पृथक मिथिला राज्य की मांग पर विशेष जोर देते हुए कहा की वर्तमान समय की मांग है की मिथिला के विकास के लिए इसे अलग राज्य का दर्जा मिले। विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ ने कहा की विद्वानों से भड़ी इस गांव की मिट्टी सदैव पूजनीय रही है। आयोजक मंडल के अध्यक्ष मुरारी ठाकुर समेत सभी सदस्यों व ग्रामीणों को साधुवाद दिया। उक्त अवसर पर मनोज झा , प्रदीप झा , पंसस मोनू देवी , जदयू प्रखंड अध्यक्ष उपेन्द्र मंडल , प्रह्लाद प्रसाद , महेन्द्र साह मुरारी ठाकुर, महादेव प्यारे, सूर्यदीप साह समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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कार्यक्रम काम मंच संचालन किसलय कृष्ण ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित मैथिली कलाकार माधव राय ,व स्वेता रानी समेत अन्य गायकों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।


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