लगातार पांचवे दिन भी कचरे का उठाव नहीं, नगर परिषद प्रबंधन लाचार
नगर परिषद के दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी रही। सफाई नहीं होने से शहर नरक में तब्दील हो गया है।
मधुबनी। नगर परिषद के दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी रही। सफाई नहीं होने से शहर नरक में तब्दील हो गया है। जगह-जगह गंदगी और इसकी बदबू के बीच मच्छर का प्रकोप चरम पर पहुंच गया है। हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले नगर परिषद कर्मी फॉगिग मशीन का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। चूना और ब्लीचिग का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है। बहरहाल, शहर में सफाई कार्य शुरू कराने में नगर परिषद लाचार नजर आ रहा है। शहर में पड़ा है करीब दस टन कचरा पांच दिनों से सफाई कार्य ठप रहने से शहर के कूड़ेदानों के बाद शनिवार को जगह-जगह कचरे का ढेर जमा हो गया है। कुल 30 वार्डों से प्रतिदिन डेढ़ से दो टन कचरा का उठाव होता था। इधर, पांच दिनों में शहर में तकरीबन दस टन कचरा यत्र-तत्र पड़ा है। पांच दिनों के बीच बारिश के कारण सूखा कचरा गीला कचरा में तब्दील होकर बदबू फैला रहा है। कूड़ेदान के अलावा खुले स्थानों पर गंदगी के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। शहर के सभी कूड़ेदानों के गंदगी से भरे होने से लोग खुले में कचरा फेंक रहे हैं। आज से सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था बहाल होने की उम्मीद सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि सफाई कर्मियों के एक से 15 मार्च तक के बकाए मानदेय का भुगतान एक सप्ताह में किए जाने का आश्वासन दिया गया है। रविवार से शहर में सफाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बहाल की जाएगी। युद्ध स्तर पर सफाई कार्य चलाया जाएगा। हालांकि, हड़ताली कर्मियों से बातचीत हुई है। कर्मी काम पर लौटने को तैयार हो गए हैं। सफाई कर्मियों को गुमराह करने का आरोप नगर परिषद के मेसर्स सुभाष सिंह के प्रबंधक नितिन सिंह ने शनिवार को जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर कुछ सफाई कर्मियों द्वारा अन्य सफाई कर्मियों को गुमराह कर शहर की सफाई व्यवस्था ठप करने की बात कही है। पत्र में शहर की सफाई व्यवस्था को बहाल रखने के दिशा में समुचित कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि एजेंसी से जुड़े सभी कर्मियों का 30 मई तक का वेतन भुगतान किया जा चुका है। इस बीच कुछ कर्मियों द्वारा वेतन की मांग को लेकर बगैर सूचना दिए सफाई कार्य ठप कर दिया। इसके आलोक में 19 जून को सदर एसडीओ सुनील कुमार सिंह के कार्यालय में हुई बैठक में प्रति कर्मियों को प्रतिदिन तीन सौ रुपये भुगतान के एवज में सात घंटे तक कार्य करने का समय निर्धारित किया गया। इसके बाद 20 जून से कुछ कर्मियों ने काम रोककर अन्य कर्मियों को भी सफाई कार्य से अलग रहने को दबाव बना दिया गया। इससे शहर की सफाई का कार्य ठप है।