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नाबालिग लड़की गई थी मेला देखने, मांग भरकर लौटी ससुराल, जानिए पूरी कहानी

मेला देखने गए युवक को नाबालिग प्रेमिका के साथ चोरी-छिपे मिलता देख लोगों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की जिसके बाद उसकी जबरन नाबालिग लड़की से सरेआम शादी करा दी गई।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 05:08 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:29 PM (IST)
नाबालिग लड़की गई थी मेला देखने, मांग भरकर लौटी ससुराल, जानिए पूरी कहानी
नाबालिग लड़की गई थी मेला देखने, मांग भरकर लौटी ससुराल, जानिए पूरी कहानी

मधुबनी [जेएनएन]। पास के गांव में ताजिया मेला देखने गए युवक को मेले में प्रेमिका मिल गई जिसके साथ वह लोगों की नजरें बचाकर चोरी-छिपे मिल रहा था कि लोगों ने उसे देख लिया। पहले तो उसकी जमकर पिटाई की और उसे घर में बंद कर दिया। उसके बाद उसके परिजनों को बुलाया गया और फिर पंचायत के तालिबानी फरमान के बाद नाबालिग प्रेमिका से सरेआम उसकी शादी कर दी गई। 

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घटना मधुबनी जिले के हरलाखी थाना क्षेत्र के पोतगाह गांव की है जहां मेला देखने गए एक युवक को बंधक बना कर नाबालिग बताई जा रही उसकी कथित प्रेमिका संग जबरन शादी कराए जाने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।

मिली जानकारी के अनुसार दसवीं के प्रमाण पत्र में लड़की की जन्म तिथि 05 मार्च 2001 अंकित है। लड़की की शादी स्थानीय पंचायत के सरपंच रामाशीष भंडारी सहित अन्य की देखरेख में कराई गई बताई जाती है। 

बीते गुरुवार की रात हरलाखी थाना क्षेत्र के कमतौल गांव निवासी विनोद महतो का पुत्र सौरव कुमार पोतगाह गांव में ताजिया मेला देखने गया था। इस दौरान मेला में वह अपनी उक्त कथित प्रेमिका से चोरीछिपे मिल रहा था। इस बात को लेकर मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने युवक को पकड़ कर उसकी पिटाई कर घर में बंद कर दिया।

इस घटना से गुस्साए लोगों ने युवक को शुक्रवार शाम तक बंधक बनाए रखा। युवक को बंधक बनाए जाने की सूचना पर युवक के परिजन व उसके मामा पिपरौन पंचायत के पूर्व मुखिया बिल्टू प्रसाद महतो, दीपक महतो, सुरेश महतो, अवधेश कुशवाहा, पैक्स अध्यक्ष श्याम पूर्वे आदि पोतगाह गांव पहुंचकर लोगों से बातचीत की।  

फिर स्थानीय पंचायत के सरपंच रामाशीष भंडारी व अन्य की देखरेख में दोनों  की शादी कराई गई।  दोनों  पक्ष के बीच पंचायत हुई। तब लड़का को बंधक मुक्त कर लड़की की विदाई कराकर लड़का पक्ष के लोग अपने घर ले गया। 

इस संबंध में सरपंच रामाशीष भंडारी ने दूरभाष पर बताया कि वे गांव में दूसरी पंचायत से लौटने के दौरान कुछ देर के लिए शादी में शामिल हुए थे और इस मामले में उन्हें कुछ पता नहीं है। 

वहीं इस बाबत थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि दसवीं के प्रमाण पत्र में लड़की की जन्म तिथि 05 मार्च 2001 अंकित है। मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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