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नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचे तो एक लाख जुर्माना और जेल

मधुबनी। तंबाकू के दुष्परिणामों से बच्चों और अवयस्कों को बचाना बहुत आवश्यक है। कोई भी इस तरह से तंबाकू उत्पाद की बिक्री करता है हो उसपर एक लाख रुपये जुर्माना किया जाए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:11 AM (IST)
नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचे तो एक लाख जुर्माना और जेल
नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचे तो एक लाख जुर्माना और जेल

मधुबनी। तंबाकू के दुष्परिणामों से बच्चों और अवयस्कों को बचाना बहुत आवश्यक है। कोई भी इस तरह से तंबाकू उत्पाद की बिक्री करता है हो उसपर एक लाख रुपये जुर्माना किया जाए। साथ ही ऐसे मामले में सात साल की जेल की भी सजा निर्धारित है। यह जानकारी डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने मंगलवार को प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों को दी। वे सोशिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) और जिला तंबाकू नियंत्रण कोषांग के संयुक्त तत्वावधान में समाहरणालय सभागार में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

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डीएम ने कहा कि स्कूलों में इस कार्यक्रम के संचालित किए जाएं। सभी शिक्षण संस्थानों के पास से तंबाकू उत्पाद की दुकानों को यथाशीघ्र हटाया जाए। उन्होंने इस आदेश के उल्लंघनकर्ताओं को कोटपा, जेजे एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में दंडित करने का निर्देश दिया। संबंधित पदाधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में कोटपा की विभिन्न धाराओं का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित करने का निर्देश दिया।

मधुबनी को तंबाकू मुक्त जिला बनाएं, पहले से धूम्रपान मुक्त है जिला

सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से तंबाकू नियंत्रण की आवश्यकता पर बल दिया। कोटपा की विभिन्न धाराओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चे व युवा तंबाकू उद्योग के सबसे सॉफ्ट टारगेट होते हैं। जिन्हें लुभाने के लिए तंबाकू कंपनी तरह-तरह के हथकंडे अख्तियार करती है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में सभी विभागों को अपनी भूमिका निभाने का सुझाव दिया। उन्होंने मधुबनी को तंबाकू मुक्त जिला बनाने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

मालूम हो कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के सर्वे में बिहार में तंबाकू सेवन करने वालों में काफी कमी आई है। यह आंकड़ा 53.5 प्रतिशत से घट कर 26.9 प्रतिशत हो गई है। कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एसपी सिंह, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, तंबाकू नियंत्रण के विशेष नोडल पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी थानाध्यक्ष, सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा, जिला तंबाकू नियंत्रण कोषांग के रंजीत कर्ण और चंदना कुमारी ने हिस्सा लिया।


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