किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ माकपा ने किया प्रदर्शन
मधुबनी। अखिल भारतीय प्रतिरोध कार्यक्रम के तहत बुधवार को माकपा जिला कमेटी के बैनर तले समाह
मधुबनी। अखिल भारतीय प्रतिरोध कार्यक्रम के तहत बुधवार को माकपा जिला कमेटी के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष प्रतिरोध कार्यक्रम एवं सभा का आयोजन किया गया। मांगों के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारे भी लगाए। वहीं, केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर जमकर प्रहार किया। किसान विरोधी कथित काला कानूनों को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानूनी गारंटी देने, स्वामीनाथन आयोग का रिपोर्ट लागू करने, दिल्ली में किसान विरोधी कानूनों के समर्थन में हो रहे प्रदर्शन में शामिल किसानों पर लाठी चार्ज करने वाले पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर माकपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों का माकपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पुरजोर समर्थन किया। समाहरणालय के समक्ष आयोजित प्रतिरोध सभा का नेतृत्व माकपा के जिला मंत्री भोगेंद्र यादव, राजेश कुमार मिश्र, रामनाथ यादव, नरेश यादव, दिलीप झा, सुनील मिश्र, राजा यादव, परमेश्वरी देवी, कैलाश पासवान, मुनकी देवी, रीना पासवान आदि ने किया। प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए माकपा नेताओं ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसान विरोधी सभी काला कानून वापस नहीं लेगी तो जनसंघर्ष तेज किया जाएगा। माकपा नेताओं ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कृषि एवं किसान विरोधी काला कानून वापस नहीं ले लेती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि किसान विरोधी कानून किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों से किसान एवं आंदोलनकारी झुकने वाले नहीं है। सत्ता के नशे में है केंद्र व राज्य सरकार : कांग्रेस
मधुबनी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के आह्वान पर महागठबंधन में शामिल सभी दलों ने किसान विरोधी कानून के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी कार्यालय से प्रतिरोध मार्च जिलाध्यक्ष शीतलांबर झा की अध्यक्षता में निकालकर समाहरणालय पर जमकर नारेबाजी की गई। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो. शीतलांबर झा ने कहा कि किसान विरोधी तीनों काला कानून सरकार अविलंब वापस ले। आज देश के लाखों किसान देश की राजधानी दिल्ली बॉडर को जामकर इस सर्द भरी रात में भी संघर्ष कर रहे हैं। भाकपा जिलामंत्री मिथिलेश झा ने कहा कि सरकार देश के 62 करोड़ किसानों और खेतिहर श्रमिकों के मुद्दों पर प्रधानमंत्री जिद, अहंकार और अड़ियल रवैया अपनाए हुए है जो निराशाजनक है। देश के किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार किसानों को लागत का दोगुना समर्थन मूल्य देना नहीं चाहती है। किसानों का कृषि ऋण माफ नहीं करना चाहती। किसानों की बहुमूल्य जमीन औने पौने दाम में लेकर अपने पूंजीपति मित्रों को दोगुना मुनाफा देना चाहती है। कार्यक्रम में मनोज मिश्रा, बिपिन कुमार झा, जय कुमार झा, मो. अकील अंजुम, प्रो. योगेंद्र मिश्र, माया नंद झा, ऋषिदेव सिंह, आभा पांडेय, उर्मिला देवी, मो. साबिर, अनिलचंद्र झा, प्रो. इश्तियाक अहमद, कन्हैया झा, आलोक झा, मुकेश कुमार, पप्पू, मो. तौफीक अहमद, अशोक कुमार, पंकज कुमार झा, सुजीत यादव, विनय झा, धनेश्वर ठाकुर, राजीव शेखर, आदर्श कुमार झा, मो. अनिसुर रहमान, सुनील कुमार झा आदि शामिल थे।